Nirbhaya Fund : देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही हैं. इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि देश में कानूनी रूप से गोद लेने वाले बच्चों में 56 प्रतिशत लड़कियां हैं.
Nirbhaya Fund : महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शनिवार को कहा कि निर्भया कोष की मदद से से पूरे भारत में महिलाओं के लिए 854 वन-स्टॉप केंद्र बनवाए हैं. इन केंद्रों का उद्देश्य है कि पीड़ित महिलाओं को आश्रय, परमार्श, चिकित्सा सहायता और कानूनी सहायता प्रदान की जा सके. UNICEF इंडिया के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति द्वारा आयोजित ‘बालिकाओं की सुरक्षा : भारत में उनके लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण की ओर’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श को संबोधित कर रही थीं. यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसके बारे में मंत्री ने कहा कि इसने चर्चा को विशेष रूप से सार्थक बना दिया.
गोद लेने वाले बच्चों में 56 प्रतिशत लड़की
कार्यक्रम में अपनी बात को रखते हुए अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पिछले साल भार में कानूनी रूप से लिए गए बच्चों में 56 प्रतिशत लड़कियां थीं, जो सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव की ओर इशारा करता है. उन्होंने कहा कि अब समाज में लड़कियों को बोझ नहीं समझा जाता है, बल्कि आशा की किरण के रूप में देखा जाता है. मंत्री ने महिला हेल्पलाइन 181, पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क, कामकाजी महिलाओं के छात्रावास और शक्ति साधन जैसी पहलों और महिला सुरक्षा भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाने का काम करती है. उन्होंने एक सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नीतिगत चर्चा नहीं है बल्कि हमारे देश के भविष्य, हमारी सामाजिक चेतना और हमारी नैतिक जिम्मेदारी का एक जीवंत उदाहरण है. बता दें कि इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई भी शामिल हुए थे.
2047 तक विकसित भारत बनाना
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र के 2047 तक विकसित भारत का आधार महिला शक्ति को शामिल करना है. मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 के माध्यम से सरकार का एकीकृत दृष्टिकोण महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने का टारगेट रखना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने लड़कियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की और अब उन्हें हर क्षेत्र में मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है. हमारी सरकार की हर योजना में पहली प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तिकरण करना है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करके उनके लिए एक मजबूत भविष्य बनाना है.
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