Operation Blue Star: श्रीमती गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई, लेकिन यह गलती सेना, खुफिया विभाग, पुलिस और नागरिक सुरक्षा का मिलाजुला फैसला था.
Operation Blue Star: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि 1984 में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार तरीका सही नहीं था, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी. पूर्व गृह मंत्री ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक पुस्तक विमोचन के दौरान कहा कि सभी आतंकवादियों को वापस लाने और पकड़ने का एक तरीका था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत तरीका था. मैं मानता हूं कि श्रीमती गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई, लेकिन यह गलती सेना, खुफिया विभाग, पुलिस और नागरिक सुरक्षा का मिलाजुला फैसला था. आप पूरी तरह से सिर्फ श्रीमती गांधी को दोषी नहीं ठहरा सकते.
ऑपरेशन ब्लैक थंडर का फैसला सही
चिदंबरम ने खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा के साथ उनके संस्मरण ‘दे विल शूट यू मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट’ पर बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. ऑपरेशन ब्लू स्टार 1-10 जून, 1984 के बीच दमदमी टकसाल के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके आतंकवादियों को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से हटाने के लिए किया गया एक सैन्य अभियान था. उसी वर्ष बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई. चिदंबरम ने कहा कि किसी भी सैन्य या सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का सही तरीका नहीं था और लगभग 3-4 साल बाद हमने ऑपरेशन ब्लैक थंडर में सेना को बाहर रखकर सही रास्ता दिखाया. स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए 1986 और 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर चलाया गया था.
कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा
बवेजा ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार ने पंजाब में हिंसा के अगले अध्याय को जन्म दिया. उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी ने धर्म को राजनीति में मिला दिया और अकालियों को नियंत्रित करने में मदद के लिए भिंडरावाले को शामिल किया, जो उनके अनुसार बेहद बुरा विचार था. चिदंबरम ने इस बात पर आपत्ति जताई कि भिंडरावाले को इंदिरा गांधी ने आगे बढ़ाया था. कहा कि श्रीमती गांधी पर यह आरोप सही नहीं है. पुस्तक विमोचन के दौरान कश्मीर मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुई. घाटी में कई संघर्षों को कवर करने वाली बावेजा ने कहा कि मुझे लगता है कि कश्मीरियों को बहुत पहले ही समझ में आ गया था कि पाकिस्तान उनका इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन किसी तरह नई दिल्ली ने घाटी के लोगों के साथ विश्वास की कमी को कम करने का अवसर कभी नहीं भुनाया. उन्होंने कहा कि हम उन घावों के बारे में बात कर रहे हैं जो संघर्ष लोगों को देते हैं. चिदंबरम ने कहा कि कश्मीर के बारे में हर शाम टेलीविजन पर दिखाई जाने वाली कहानी के अलावा एक वैकल्पिक कहानी भी है.
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