Home Top News ‘एक भी वोटर का नाम कटा तो…’: ममता-अभिषेक की मौजूदगी में TMC की SIR के खिलाफ हुंकार

‘एक भी वोटर का नाम कटा तो…’: ममता-अभिषेक की मौजूदगी में TMC की SIR के खिलाफ हुंकार

by Sanjay Kumar Srivastava
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Mamata Banerjee

SIR Protest: टीएमसी ने एसआईआर अभ्यास को पिछले दरवाजे से एनआरसी लाने की भाजपा समर्थित चाल बताया है.

SIR Protest: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में कोलकाता में एक विशाल रैली करेगी. यह रैली राज्य में मतदाता सूची के प्रस्तावित ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) के विरोध में आयोजित की जा रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, रैली में टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के शामिल होने की उम्मीद है. टीएमसी ने एसआईआर अभ्यास को “पिछले दरवाजे से एनआरसी लाने की भाजपा समर्थित चाल” बताया है. वरिष्ठ टीएमसी नेता ने बताया कि काली पूजा और भाई दूज के बाद रैली की योजना है, जिसके लिए शहीद मीनार मैदान को संभावित स्थान माना जा रहा है. पार्टी इस रैली के माध्यम से इस मुद्दे पर एक व्यापक आंदोलन की शुरुआत कर रही है. इस विरोध प्रदर्शन के बाद टीएमसी नेताओं ने दिल्ली में भी विरोध करने की धमकी दी है.

दिल्ली तक विरोध की चेतावनी

टीएमसी का यह आक्रामक रुख चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण को शुरू करने की तैयारियों के बीच आया है. सितंबर में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की एक टीम ने तैयारियों की समीक्षा करने और जिला चुनाव अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए राज्य का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि किसी भी अधिसूचना के जारी होने से पहले ही भाजपा नेता यह दावा कैसे कर रहे हैं कि लाखों नाम हटा दिए जाएंगे? क्या वे दिल्ली से एसआईआर की पटकथा लिख ​​रहे हैं? टीएमसी नेताओं ने घोषणा की है कि पार्टी आने वाले महीनों में इस मुद्दे को अपने मुख्य राजनीतिक मुद्दों में से एक बनाएगी. टीएमसी ने भाजपा पर राज्य चुनावों से पहले मतदाता सूची में हेरफेर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. टीएमसी नेताओं ने दिल्ली में भी विरोध करने की धमकी दी है.

भाजपा ने किया पलटवार

कई मंत्रियों और विधायकों ने चेतावनी दी है कि अगर पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान एक भी वास्तविक मतदाता का नाम हटाया गया तो पश्चिम बंगाल उबल पड़ेगा. हालांकि, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि टीएमसी का विरोध इस डर से उपजा है कि इस कवायद से सत्तारूढ़ पार्टी की निगरानी में कथित रूप से नामांकित फर्जी मतदाताओं और घुसपैठियों का पर्दाफाश हो जाएगा. राज्य भाजपा प्रवक्ता केया घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री नियमित मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध कर रही हैं क्योंकि वह बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बचाना चाहती हैं, जिन्हें मतदाता सूची में जगह मिल गई है. बंगाल में राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ रहा है. टीएमसी की प्रस्तावित नवंबर रैली से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के बीच चुनाव पूर्व टकराव का माहौल बनने की उम्मीद है.

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