Cyber Fraud: खुद को सीईओ बताकर आरोपी ने दिल्ली निवासी दंपती से 1.10 करोड़ की ठगी कर ली. पीड़ित दंपति की शिकायत पर आरोपी को दिल्ली पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार कर लिया.
Cyber Fraud: खुद को सीईओ बताकर आरोपी ने दिल्ली निवासी दंपती से 1.10 करोड़ की ठगी कर ली. पीड़ित दंपति की शिकायत पर आरोपी को दिल्ली पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने खुद को कई कंपनियों का सीईओ बताया और सोशल मीडिया पर दंपति को नौकरी और निवेश में लाभ का लालच दिया. एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र निवासी कुणाल सतीश हेलकर ने कथित तौर पर जाली कंपनी दस्तावेजों, फर्जी ऑफर लेटर और कई पीड़ितों को ठगने के लिए ऑनलाइन पहचान में हेरफेर करके एक साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क चलाया. पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने एक बयान में कहा कि पीड़िता दीक्षा कनौजिया द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जांच शुरू हुई. पीड़िता ने आरोप लगाया कि हेलकर ने उन्हें और उनके परिवार को रोजगार, कंपनी साझेदारी और आकर्षक निवेश के झूठे वादों के जरिए धोखा दिया.
देता था फर्जी नियुक्ति पत्र और रसीद
बयान में कहा गया है कि विश्वसनीयता हासिल करने के लिए यूनेस्को इंडिया के साथ संबंधों का झूठा दावा किया गया. फर्जी नियुक्ति पत्रों, रसीदों और ईमेल के माध्यम से हेलकर ने कथित तौर पर पीड़िता और उसके रिश्तेदारों को इंटर्नशिप फीस और रोजगार संबंधी योजनाओं के साथ-साथ गैजेट खरीदने और डीडीए फ्लैटों के आवंटन जैसे विभिन्न बहानों के तहत बड़ी रकम हस्तांतरित करने के लिए राजी किया. डीसीपी ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें निशाना बनाने के लिए पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया. आरोपी ने अपने कार्यों को वैध दिखाने के लिए यूनेस्को और डीडीए जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की वेबसाइटों और दस्तावेजों को दिखाया. जांच के दौरान मोबाइल नंबरों, ईमेल खातों और बैंक लेनदेन के तकनीकी विश्लेषण से धोखाधड़ी और डिजिटल हेरफेर का एक जाल सामने आया.
डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए आया गिरफ्त में
ठग हेलकर ने शिकायतकर्ता के आवास पर सुरक्षा की आड़ में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए ताकि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और उनका विश्वास और बढ़ सके. व्यापक निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग के बाद आरोपी का गोवा में पता चला, जहां वह छिपा हुआ था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक टीम ने छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, जाली दस्तावेज, फर्जी डीडीए आवंटन ईमेल और अपराध में इस्तेमाल किए गए वित्तीय साधन बरामद हुए. पुलिस अब ठगी गई धनराशि का पता लगा रही है. अन्य सहयोगियों की पहचान कर रही है. पुलिस यह भी यह सत्यापित कर रही है कि क्या अन्य पीड़ितों को भी इसी प्रकार के घोटाले में निशाना बनाया गया था.
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