Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि संत नामदेव ने भेदभाव, छुआछूत और असमानता को दूर करके समाज को एकजुट करने का काम किया.
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कहा कि संत नामदेव का जीवन प्रेम, भक्ति और समानता का प्रतीक था. उन्होंने भेदभाव, छुआछूत और असमानता को दूर करके समाज को एकजुट करने का काम किया. मुख्यमंत्री सैनी ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान और प्रसार योजना’ के तहत संत नामदेव को समर्पित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बोल रहे थे. योजना का उद्देश्य संतों और महापुरुषों की शिक्षाओं का प्रसार करना है. सैनी ने कहा कि समुदाय के अनुरोध पर राज्य में संत नामदेव जी महाराज के नाम पर एक सरकारी संस्थान का नाम रखा जाएगा. उन्होंने समुदाय द्वारा संचालित विभिन्न धर्मशालाओं के रखरखाव और सौर पैनल लगाने के लिए 51 लाख रुपये का अनुदान भी घोषित किया. सैनी ने कहा कि संत नामदेव ने प्रत्येक व्यक्ति में दिव्यता देखी और जातिवाद, छुआछूत और असमानता जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए अथक प्रयास किए. सच्चा धर्म मानवता को जोड़ता है और दूसरों के प्रति करुणा सिखाता है.
अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे विकास का लाभ
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संत नामदेव का कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी का संदेश हरियाणा के सामाजिक ताने-बाने में गहराई से निहित है, क्योंकि राज्य का मजदूर वर्ग, किसान, कारीगर, दर्जी, लोहार और सभी मेहनती लोग अपनी लगन और मेहनत से उनकी भावना को अपनाते हैं. सैनी ने कहा कि संतों और महापुरुषों की शिक्षाओं से प्रेरित होकर राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित है. इसका सबसे बड़ा उद्देश्य सबसे गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाना है और यह सुनिश्चित करना है कि विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, संत नामदेव की शिक्षाएं और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं. सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है, जो संतों की परंपराओं से प्रेरित एक दृष्टिकोण है.
2014 से पहले नहीं था ओबीसी आयोग
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के दर्शन का पालन करते हुए हरियाणा सरकार अभियान के माध्यम से वंचित रह गए परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2014 से पहले ओबीसी आयोग अस्तित्व में नहीं था, जब सरकारों ने पिछड़े समुदाय को केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल किया, बिना उन्हें कभी भी उनका वाजिब हक दिए. सैनी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी थे जिन्होंने ओबीसी आयोग की स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की थी कि ओबीसी समुदाय के सदस्य अपने अधिकारों और प्रतिनिधित्व का आनंद लें. उन्होंने कांग्रेस पर केवल वोट बैंक की राजनीति में शामिल होकर गरीबों का शोषण करने का भी आरोप लगाया. सैनी ने दावा किया कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद प्लॉट के कागजात और कब्जा दोनों प्रदान किए गए, जिससे लंबे समय से लंबित वादा पूरा हुआ.
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