US-China Trade War : चीन के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगांग ने मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों के बीच विवाद को कम करने के लिए प्रारंभिक सहमति पर पहुंच गए हैं. अब संबंधों को और स्थिर करने का प्रयास करेंगे.
US-China Trade War : अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चरम पर पहुंच गया और दोनों ही देश टैरिफ बढ़ाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. इन दोनों के बीच ट्रेड वार से ग्लोबल इकोनॉमिक पर भी असर पड़ा है. इसी बीच एक खबर सामने आई है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) के बीच बैठक से पहले रविवार को अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव कम होता हुआ दिखाई दिया है. चीनी सरकार ने संकेत दिया है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच आपसी समझ बन गई है. यह वार्ता चीन द्वारा टेक्नोलॉजी के लिए रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर सीमाएं लगाने और ट्रंप द्वारा चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 फीसदी शुल्क लगाने की धमकी के बाद हुई है.
विवाद कम करने की गई कोशिश
चीन के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगांग ने मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों के बीच विवाद को कम करने के लिए प्रारंभिक सहमति पर पहुंच गए हैं. अब संबंधों को और स्थिर करने का प्रयास करेंगे. ट्रंप ने यह भी विश्वास जताया कि एक बड़ा समझौता होने वाला है. उन्होंने कहा कि वे एक समझौता करना चाहते हैं और हम भी एक समझौता करना चाहते हैं. ट्रंप ने भविष्य में चीन की यात्रा करने की योजना को दोहराया है और सुझाव दिया कि शी वाशिंगटन या फ्लोरिडा स्थित अपने निजी क्लब मार-ए-लागो आ सकते हैं. यह घोषणापत्र कुआलालंपुर में आयोजित दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के वार्षिक शिखर सम्मेलन में की गई, जहां ट्रंप एक अंतरराष्ट्रीय सौदेबाजी के रूप में अपनी प्रतिष्ठा चमकाना चाहते हैं. हालांकि, इन समझौतों तक पहुंचने में कई तरह के विवाद हुए और इस बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. इसके अलावा अमेरिकी सरकार ठप होने के साथ डेमोक्रेट्स से भी लगातार विवाद चल रहा है.
विवाद को कम करने पहुंचे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम समारोह में शामिल हुए. उन्होंने दोनों देशों के बीच रविवार को एक विस्तारित युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करवाए. ट्रंप ने आर्थिक दवाब की धमकियों ने दोनों देशों को इस साल की शुरुआत में अपनी विवादित जमीन पर झड़पों को रोकने के लिए प्रेरित किया था. साथ ही थाईलैंड कंबोडियाई कैदियों को रिहा करेगा और कंबोडिया समझौते के पहले चरण के तहत भारी तोपखाने वापस बुलाना शुरू करेगा. वहीं, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इसे ऐतिहासिक दिन कहा. दूसरी तरफ थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने कहा कि यह समझौता ‘स्थायी शांति के लिए आधारशिला’ तैयार करता है.
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