J&K News: जम्मू-कश्मीर में सनसनीखेज मामला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. दो सरकारी कर्मचारियों के संबध आतंकवादियों के साथ पाए गए.
J&K News: जम्मू-कश्मीर (J&K) में सनसनीखेज मामला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. दो सरकारी कर्मचारियों के संबध आतंकवादियों के साथ पाए गए. शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जांच के निर्देश दिए हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को आतंकवादियों के साथ संबंधों के चलते दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई सिन्हा की आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति और जम्मू-कश्मीर में आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है. उपराज्यपाल ने गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं.
सरकारी प्राथमिक विद्यालय में तैनात था हुसैन
दोनों शिक्षक लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए काम करते थे. हुसैन को 2004 में रहबर-ए-तालीम (आरईटी) शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था. वह रियासी के माहौर के कलवा स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में तैनात था. उसे एक ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में रियासी और आसपास के इलाकों में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने का काम सौंपा गया था. कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि हुसैन एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से लश्कर के आतंकवादियों मोहम्मद कासिम और गुलाम मुस्तफा के संपर्क में था. दोनों उसके हैंडलर थे और गुलाम हुसैन उनके निर्देशों के अनुसार आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. आरोपी को एक स्थानीय माध्यम से आतंकी फंड मिलता था, जिसे बाद में उसने आतंकवाद का समर्थन करने के साधन के रूप में ज्ञात आतंकवादियों के परिवारों तक पहुंचाया. आतंकवादियों की भर्ती के लिए पैसे भी बांटे और रसद का भुगतान किया.
राजौरी और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था डार
खुफिया जांच में यह भी पता चला कि उसे विभिन्न माध्यमों से नियमित पार्सल और वित्तीय सहायता मिल रही थी. उसके संबंध अन्य ओजीडब्ल्यू के नेटवर्क के माध्यम से हैं, जो आतंकवादी संगठन लश्कर के इशारे पर काम कर रहे हैं. डार को 2009 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था. बाद में उसे 2019 में एक शिक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया. डार लश्कर आतंकी संगठन के ओजीडब्ल्यू के रूप में काम कर रहा था. वह राजौरी और आसपास के क्षेत्रों में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल था. लश्कर के आतंकवादी मोद जबार के साथ उसके घनिष्ठ संबंध थे. जनवरी 2023 में उसके आतंकी संबंध का खुलासा हुआ जब पुलिस ने राजौरी में जम्मू-कश्मीर बैंक के पास लगाया गया एक आईईडी बरामद किया. जांच के दौरान पुलिस ने डार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में पता चला कि शिक्षक और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी जबर और ज़ोहैब शहज़ाद ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर के निर्देश पर आईईडी लगाया था. उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है. स्थायी शांति केवल आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से खत्म करके ही प्राप्त की जा सकती है.
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