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बदल जाएगा राजधानी दिल्ली का नाम? BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने की ‘इंद्रप्रस्थ’ रखने की मांग

by Live Times
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Delhi Name Change Controversy

Delhi Name Change Controversy: भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजधानी का नाम बदलकर दिल्ली से इंद्रप्रस्थ करने की मांग की है.

1 November, 2025

Delhi Name Change Controversy: उत्तर प्रदेश सरकार ने कई शहरों के नाम बदल दिए. इसी तरह अब देश की राजधानी दिल्ली का नाम बदलने की भी मांग हो रही है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजधानी का नाम बदलने की मांग की है. खंडेलवाल ने कहना है कि दिल्ली को उसकी ऐतिहासिक पहचान मिले और इसका नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाए. उन्होंने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलने की भी मांग की है.

खंडेलवाल की मांगें

सांसद खंडेलवाल ने पत्र में लिखा, भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक धरोहरों में दिल्ली का स्थान अत्यंत विशिष्ट है. यह केवल एक महानगर नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता की आत्मा, धर्म, नीति और लोककल्याण की परंपरा का केंद्र रही है. इतिहास साक्षी है कि महाभारत काल में यहीं पांडवों ने यमुना तट पर अपनी राजधानी “इंद्रप्रस्थ” बसाई थी एक समृद्ध, सुव्यवस्थित और नीति-आधारित शासन की प्रतीक नगरी. इसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार पर, मैं आपका ध्यान निम्न सुझावों की ओर दिलाना चाहता हूं. खंडेलवाल ने पत्र में इन चार मांगों को रखा.

  1. भारत की राजधानी “दिल्ली” का नाम बदलकर “इंद्रप्रस्थ रखा जाए.
  2. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम “इंद्रप्रस्थ जंक्शन” किया जाए.
  3. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम “इंद्रप्रस्थ एयरपोर्ट” किया जाए.
  4. दिल्ली के किसी प्रमुख स्थल पर पांडवों की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएं.

सांस्कृतिक पहचान पुनर्स्थापित होगी- खंडेलवाल

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह अनुरोध दिल्ली को ऐतिहासिक न्याय प्रदान करेगा और इंद्रप्रस्थ के रूप में इसकी वास्तविक पहचान को पुनः स्थापित करेगा. यह भावी पीढ़ियों को भारत की गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता का एक नया संदेश भी प्रदान करेगा. यह हमारी राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत को एक नई दिशा प्रदान करेगा. इस दिशा में कदम उठाने से न केवल देश और विदेश में भारत की ऐतिहासिक सांस्कृतिक पहचान पुनर्स्थापित होगी, बल्कि दिल्ली एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित होगी.”

पत्र में ऐतिहासिक संदर्भ भी दिए

खंडेलवाल ने पत्र में अपनी मांगों के साथ इतिहास के संदर्भ दिए, जिससे उनका पत्र मान्य हो जाए. उन्होंने महाभारत का जिक्र करते हुए लिखा, पांडवों ने हस्तिनापुर से राजधानी स्थानांतरित कर यमुना तट पर इंद्रप्रस्थ की स्थापना की. उन्होंने लिखा कि राजपूत काल में तोमर राजाओं ने इंद्रप्रस्थ को ढिल्लिका कहा, जिससे दिल्ली का नाम विकसित हुआ.

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