Russo-Ukrainian War : चौथे साल में प्रवेश होने के बाद रूस ने युद्ध की रणनीति बदल दी है. रूसी सेना अब यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर हमला कर रही है और उसके बिजली संयंत्र को भारी नुकसान पहुंचा रही है.
Russo-Ukrainian War : रूस और यूक्रेन युद्ध चौथे साल में प्रवेश कर गया है, लेकिन अभी तक इसकी समाप्ति को लेकर कही भी बात नहीं बनी है. हालांकि, बीच-बीच में कुछ दिनों के लिए युद्धविराम पर सहमति बनी लेकिन पूरी तरह युद्ध समाप्त नहीं हो पा रहा है. इसी बीच यूक्रेन के दक्षिण-पश्चिमी ओडेसा क्षेत्र में रूसी ड्रोन हमले में दो लोगों की मौत हो गई. राज्य आपातकालीन सेवा के मुताबिक, रूसी ड्रोन ने रविवार तड़के यूक्रेन के काला सागर तट पर ओडेसा क्षेत्र में एक कार पार्क पर हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए. बता दें कि बीते दिनों से रूस और यूक्रेन एक-दूसरे के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर हमला कर रहे हैं.
हजारों लोगों के घरों की गई बिजली
रूस ने रविवार की रात तक जापोरिज्जिया क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल से जमकर हमले किए और यहां पर हजारों लोगों के घरों की बिजली चली गई. क्षेत्रीय गवर्नर फेडोरोव ने कहा कि हमलों करीब 60 हजार लोगों को बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. इसके अलावा उन्होंने टेलीग्राम पर मलबे में तब्दील होने वाली इमारतों की वीडियो भी शेयर की. बताया जा रहा है कि रूस का यह हमला यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किया गया था. यूक्रेन में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है और आम लोगों सीवेज, हीटिंग सिस्टम चलाने के लिए बिजली का उपयोग करते हैं लेकिन अब सिर्फ ब्लैक आउट के कारण कुछ नहीं हो पा रहा है.
रूस ने बुनियादी ढांचे को बनाया निशाना
रूस की तरफ से किए गए हमले का उद्देश्य था कि वह यूक्रेन का मनोबल को गिरा दें और हथियारों के साथ अन्य सुविधाओं को बाधित कर दें. युद्ध चार साल हो गए हैं और विश्लेषकों का कहना है कि रूस ने इस साल युद्ध में काफी हद तक बड़े बदलाव किए हैं. इस बार पुतिन के कहने पर रूसी सेना गैस के बुनियादी ढांचों को अपना निशाना बना रही है. साथ ही अब यह हमले पहले से भी ज्यादा घातक हो गए हैं क्योंकि रूस सैकड़ों ड्रोन लॉन्च कर रहा है और इनमें ज्यादातर कैमरों से लैस है जो किसी भी बिल्डिंग को टारगेट करके हमला करते हैं. इसके अलावा यूक्रेन ने भी कई हमले ऐसे किए हैं जहां पर रूस को काफी नुकसान हुआ है. इसी बीच बताया जा रहा है कि रूस के तुआप्से बंदरगाह पर एक यूक्रेनी ड्रोन हमले में एक तेल टैंकर और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया, जहां पर भीषण आग लग गई.
तेल रिफाइनरियों पर किया हमला
सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल है, जहां पर काला सागर बंदरगाह पर टर्मिनल इंफ्रास्ट्रक्चर और एक टैंकर में आग की लपटें दिखाई दे रही हैं. हालांकि, अभी तक अमेरिकी समाचार एजेंसी AP इसकी पुष्टि नहीं कर सका है. वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी सरकारों से मिली खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि रूस में रिफाइनरियों पर यूक्रेन के लंबी दूरी के हमलों ने तेल की क्षमता को 20 फीसदी तक कम कर दिया है. तेल रूस की अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यही वजह है कि यूक्रेन इन रिफाइनरियों को अपना निशाना बना रहा है ताकि मास्को को गहरी चोट पहुंचा सकें. वहीं, अमेरिका और यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंधों का लक्ष्य मास्को की तेल और गैस निर्यात आय में कटौती करना है.
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