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‘स्थानीय निकाय चुनाव से पहले होनी चाहिए वोटर्स लिस्ट की जांच…’ जानें ऐसा क्यों बोले उद्धव ठाकरे

by Sachin Kumar
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Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में भी वोटर्स लिस्ट में अनियमितताओं को लेकर मांग उठ रही हैं और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी मांग है कि मतदाता लिस्ट में सुधार करने के बाद चुनाव होने चाहिए.

Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान मचा है और विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी SIR का विरोध कर रहा है, क्योंकि मंगलवार से शुरू होने वाले SIR में महाराष्ट्र का भी नंबर है. इसी बीच शिवेसना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने वोटर्स लिस्ट में अनियमितताओं के संबंध में सत्तारूढ़ BJP की तुष्टिकरण की राजनीति के आरोपों का भी खंडन किया. उन्होंने कहा कि शिवेसना (UBT) और अन्य विपक्षी दलों ने किसी भी फर्जी मतदाता सूची का उल्लेख नहीं किया है.

केंद्र सरकार से जेड जनरेशन डरी हुई

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार जनरेशन जेड से डरी हुई हैं. उन्होंने दावा किया कि एक जुलाई के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी करने वालों को उनके मताधिकार से वंचित कर दिया जाएगा, क्योंकि चुनाव आयोग ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाता पात्रता के लिए 1 जुलाई की अंतिम तिथि निर्धारित की है. ठाकरे ने कहा कि इलेक्शन कमीशन को वोटर्स लिस्ट में डुप्लिकेट और फर्जी नामों समेत सभी गलतियों को सुधारना चाहिए. ठाकरे ने आगे कहा कि हम चुनाव का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि हम चाहते हैं कि वोटर्स लिस्ट की जांच के बाद ही चुनाव कराए जाने चाहिए. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह नजदीकी शिवसेना (यूबीटी) कार्यलय जाए और सही नाम की जांच करें कि इसमें किसी प्रकार की गलती तो नहीं की है.

बीजेपी को साथ मिलकर मांग उठानी चाहिए

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वोटर्स की सुविधा के लिए जगह-जगह पर केंद्र खोल रहे हैं, क्योंकि लोगों को जानना बहुत जरूरी है कि वह अपने मतदान केंद्र में अपना वोट डाल सकते हैं या नहीं, ताकि हमें किसी भी रूप में पता चलें कि युवा मताधिकार से वंचित रह रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि बीजेपी अगर वोटर्स लिस्ट में सुधार की मांग कर रही है तो उनको विपक्ष के साथ मिलकर राज्य चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए. उन्होंने हमने कभी भी धर्म के नाम पर वोटर्स लिस्ट में सुधार करने की मांग नहीं की है. हम मतदाता सूची में सुधार के लिए अदालत का रुख करेंगे. अगर शेलार इस बात से सहमत हैं कि सूची में कुछ गड़बड़ियां हैं, तो उसमें बीजेपी भी एक पक्षकार होनी चाहिए.

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