Faridabad Terrorist Mujammil Brother: मुज़म्मिल गनई नाम के शख्स के किराए के घर से 360 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया था. जम्मिल के परिवार ने दावा किया है उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता.
11 November, 2025
Faridabad Terrorist Mujammil Brother: फरीदाबाद में मंगलवार को डॉ. मुज़म्मिल गनई नाम के शख्स के किराए के घर से 360 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया था. इसके बाद शाम को लाल किला के पास धमाका हुआ है. पुलिस सूत्रों की माने तो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का कनेक्शन लाल किला ब्लास्ट से है. इस बीच मुजम्मिल के परिवार ने दावा किया है कि उनके परिवार को उसके बारे में कुछ नहीं पता था. मुजम्मिल के भाई ने कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
मुज़म्मिल के भाई आज़ाद शकील ने पुलवामा स्थित अपने आवास पर मीडिया को बताया, “यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह एक बड़ा आतंकवादी है. हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है. पिछले पांच दशकों से हमारे परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है.” शकील ने कहा कि उनका परिवार पेशे से किसान है. उसने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी होने के कारण पहले भी पत्थर खाए हैं.
‘वह एक अच्छा इंसान था‘
आजाद शकील ने कहा, “हम पूरी तरह से भारतीय हैं और हमने भारत के लिए पत्थर भी खाए हैं. आप गांव में किसी से भी इसकी पुष्टि कर सकते हैं.” गिरफ्तार किए गए अपने भाई के बारे में पूछे जाने पर, शकील ने कहा कि वह एक “अच्छा इंसान” था. उन्होंने आगे कहा, “आप उसके बारे में पूछताछ कर सकते हैं. उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं, लेकिन हमें अभी तक उससे मिलने नहीं दिया गया है.” शकील ने बताया कि उसका भाई अपनी बहन की शादी में शामिल होने घर आया था, जो रविवार को होने वाली थी, लेकिन अब वह कैंसिल गई है. शकील ने बताया कि आरोपी डॉक्टर इससे पहले कश्मीर आया था जब उसके पिता की सर्जरी हुई थी.
VIDEO | Pulwama: Brother of doctor Muzammil, now arrested in Faridabad terror module case, Azad Shakil says, “He last visited us in June during our father’s surgery. Everyone is alleging that he is a terrorist, but we have nothing to do with it. There hasn’t been a single case… pic.twitter.com/SRiXYUk78Y
— Press Trust of India (@PTI_News) November 11, 2025
क्या बोली मुज़म्मिल की मां
डॉ. मुज़म्मिल की मां नसीमा ने कहा, “वह चार साल पहले घर से चला गया था. वह दिल्ली में डॉक्टर के तौर पर काम कर रहा था. उस दौरान हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जब उसे गिरफ़्तार किया गया, तो हमें दूसरों से इसकी जानकारी मिली. हमने उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हमें मिलने नहीं दिया. मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता. मैं बस यही चाहती हूं कि मेरे बेटे रिहा किया जाए.”
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