ITBP Battalion: नक्सल विरोधी अभियान में सक्रिय भूमिका पर ITBP की छत्तीसगढ़ इकाई को सर्वश्रेष्ठ बटालियन का पुरस्कार मिला है.
ITBP Battalion: नक्सल विरोधी अभियान में सक्रिय भूमिका पर ITBP की छत्तीसगढ़ इकाई को सर्वश्रेष्ठ बटालियन का पुरस्कार मिला है. छत्तीसगढ़ में तैनात ITBP की एक बटालियन को गुरुवार को बल की सर्वश्रेष्ठ माओवादी विरोधी अभियान इकाई चुना गया. इस बटालियन ने दो वरिष्ठ नक्सल कमांडरों को मार गिराया और मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के केंद्र के संकल्प के अनुरूप स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं. 27वीं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) बटालियन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से सटे छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में स्थित है. बटालियन को इस साल अगस्त में हुई एक भीषण मुठभेड़ के दौरान दो वरिष्ठ नक्सल कमांडरों – राज्य क्षेत्रीय समिति के सदस्य विजय रेड्डी और राजनांदगांव कांकेर बॉर्डर (आरकेबी) डिवीजन सचिव लोकेश सलामे – को मार गिराने के लिए सम्मानित किया गया. पिछले दो वर्षों में बटालियन ने कई अभियानों का नेतृत्व भी किया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के नौ शीर्ष माओवादी नेताओं को मार गिराया गया. साथ ही कई जमीनी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और आत्मसमर्पण कराया गया.
छत्तीसगढ़ में मिली अभूतपूर्व सफलता
अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी के महानिदेशक प्रवीण कुमार ने यहां आयोजित एक समारोह में 27वीं बटालियन के निवर्तमान कमांडेंट विवेक कुमार पांडे और नए कमांडर बीपी बदया को प्रतिष्ठित ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. महानिदेशक परेड कार्यक्रम के दौरान पढ़े गए एक आधिकारिक प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि बटालियन ने असाधारण नक्सल विरोधी अभियान चलाए और छत्तीसगढ़ में अभूतपूर्व सफलताएं हासिल कीं. अधिकारियों के अनुसार, आईटीबीपी 22 नवंबर को यहां अपना 64वां स्थापना दिवस परेड आयोजित कर रही है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार के मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम को संबोधित करने की उम्मीद है. इस बल का गठन 1962 के चीनी आक्रमण के बाद किया गया था. इसे मुख्य रूप से 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने के अलावा माओवादियों के खिलाफ अभियान सहित अन्य आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन करने का काम सौंपा गया है.
बटालियन ने युवाओं को किया प्रशिक्षित
इस बार आईटीबीपी की सर्वश्रेष्ठ नक्सल विरोधी अभियान ट्रॉफी का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि सभी केंद्रीय और राज्य पुलिस बल मार्च 2026 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नक्सलियों को मार गिराने और उनका आत्मसमर्पण कराने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. अभियान में छत्तीसगढ़ और उसके सीमावर्ती क्षेत्र मुख्य बने हुए हैं. केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों से नक्सली खतरे को समाप्त करने के लिए दो आयामी दृष्टिकोण अपनाने को कहा है, जिसमें खुफिया जानकारी आधारित सशस्त्र हमले करना और इन क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों व जनजातियों के लिए कल्याणकारी कार्य करना शामिल है. 27वीं बटालियन ने औंधी क्षेत्र के आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कैरियर परामर्श सत्र भी चलाए और उनमें से कम से कम 10 ने एसएससी और छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल परीक्षा उत्तीर्ण की. अधिकारियों ने कहा कि बटालियन ने स्थानीय लोगों के लिए एक अस्पताल के अलावा एक पहला पशु चिकित्सा अस्पताल भी स्थापित किया, जिससे पिछले दो वर्षों में लगभग 6,000 ग्रामीणों को लाभ हुआ.
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