Home राज्यChhattisgarh मुर्मू ने जताया संतोष, कहा- हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे नक्सली

मुर्मू ने जताया संतोष, कहा- हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे नक्सली

by Sanjay Kumar Srivastava
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President Draupadi Murmu

President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि देश भर में नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से उग्रवाद का उन्मूलन संभव होगा.

President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि देश भर में नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से उग्रवाद का उन्मूलन संभव होगा. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों को अन्य सामाजिक समूहों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना होगा. राष्ट्रपति ने कहा कि नक्सली उग्रवाद का रास्ता छोड़ रहे हैं और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में विकास की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से उग्रवाद का उन्मूलन संभव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठा रहे हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने इन प्रयासों को एक बहुत ही संतोषजनक बदलाव बताया.

आदिवासी क्रिकेटर क्रांति गौड़ के साहस की प्रशंसा

उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1,65,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो बहुत खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आदिवासी नायकों के आदर्शों पर चलकर छत्तीसगढ़ के निवासी एक मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि भारत एक विकसित देश है. मुर्मू ने कहा कि महिलाएं समाज की नींव हैं और जब वे प्रगति करती हैं तो समाज आगे बढ़ता है. राष्ट्रपति भवन में भारतीय महिला विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के साथ अपनी हालिया मुलाकात को याद करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी क्रिकेटर क्रांति गौड़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से टीम में जगह बनाई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय टीम तक क्रांति का सफर चुनौतियों से भरा था, लेकिन वह साहस और दृढ़ता की एक प्रेरक मिसाल बनकर उभरीं.

पारंपरिक खेलों के संरक्षण पर जोर

मुर्मू ने कहा कि क्रांति गौड़ ने देश भर की महिलाओं, खासकर आदिवासी समुदाय की बेटियों के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का एक क्रांतिकारी उदाहरण पेश किया है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पारंपरिक खेलों को लुप्त होने देने के बजाय उन्हें संरक्षित और बढ़ावा दिया जाना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदायों ने हमेशा खेलों में गहरी रुचि और स्वाभाविक प्रतिभा दिखाई है और उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए इस ताकत का पोषण करते रहना चाहिए. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थित थे. आदिवासी आइकन बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

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