Baba Saheb Ambedkar: महापरिनिर्वाण दिवस पर हजारों अनुयायियों ने शनिवार को डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
Baba Saheb Ambedkar: महापरिनिर्वाण दिवस पर हजारों अनुयायियों ने शनिवार को डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को याद किया. मुंबई के दादर इलाके में उनके स्मारक पर एकत्र होकर श्रद्धांजलि अर्पित की. बाबा साहेब की पुण्यतिथि को ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया गया. इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क के ‘चैत्यभूमि’ में आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. राज्यपाल ने कहा कि आंबेडकर ने देश को एक संविधान दिया, जिसने सभी लोगों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए. डॉ. आंबेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर ‘चैत्यभूमि’ में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में बोलते हुए देवव्रत ने कहा कि महान व्यक्तित्व सामाजिक न्याय के आंदोलनों को मजबूत करते हैं और अपने विचारों व कार्यों के माध्यम से हमेशा जीवित रहते हैं. उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बाबासाहेब शिक्षा को परिवार, समाज और देश का भविष्य बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार मानते थे. संविधान ने विभिन्न समुदायों के लोगों को एकजुट किया और सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए.
आंबेडकर ने रखी देश की प्रगति की नींवः फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आंबेडकर ने देश की प्रगति की नींव रखी और उनकी दूरदर्शी सोच के कारण भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. जल्द ही भारत तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है. फडणवीस ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अंबेडकर की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पावर ग्रिड अवधारणा को अपनाने से देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर मार्ग प्रशस्त हुआ. उन्होंने कहा कि संविधान ने एक मजबूत लोकतांत्रिक आधार सुनिश्चित किया और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘चैत्यभूमि’ स्मारक पर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंबेडकर का संघर्ष समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व की स्थापना के लिए था. उन्होंने कहा कि शिक्षित बनो, संगठित हो और आंदोलन करो का मार्गदर्शक सिद्धांत सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करता रहता है.
‘चैत्यभूमि’ पर फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और गणमान्य व्यक्तियों ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. गणमान्य व्यक्तियों ने बीएमसी द्वारा आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी का भी दौरा किया. इस दौरान एक हेलीकॉप्टर से ‘चैत्यभूमि’ पर फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा की गई और उपस्थित लोगों को संविधान की प्रतियां भेंट की गईं. हर साल राज्य भर से हजारों लोग 6 दिसंबर को ‘चैत्यभूमि’ में जुटते हैं. 1956 में इसी दिन अंबेडकर का निधन हुआ था. आंबेडकर के अनुयायियों की भारी भीड़ को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने शिवाजी पार्क में अस्थायी शेड, मोबाइल शौचालय, पेयजल और चिकित्सा स्टाल लगाए थे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अंबेडकर के दूरदर्शी नेतृत्व को याद किया. कहा कि उनका दूरदर्शी नेतृत्व और न्याय हमारी राष्ट्रीय यात्रा का मार्गदर्शन करती रहेगी. उन्होंने पीढ़ियों को मानवीय गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मज़बूत करने के लिए प्रेरित किया. मोदी ने अपने संदेश में कहा कि एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में उनके आदर्श हमारा मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे.
ये भी पढ़ेंः कहां से आया ‘जय भीम’ का नारा? आज़ादी के बाद दलितों का जागरण जिसकी जड़ें छिपी हैं एक गांव में
