Players were Targeted : पंजाब में खिलाड़ियों पर हमला करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते कुछ सालों में खिलाड़ियों पर लगातार हमला बढ़ा है. आप भी जानें पूरा मामला.
Players were Targeted : पंजाब के मैदानों में इन दिनों खेल से ज़्यादा गोलियों की आवाज़ गूंज रही है. कबड्डी, जो गांव–देहात की शान मानी जाती थी, अब गैंगवार, सट्टे और बदले की आग में झुलसती दिख रही है. पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक कबड्डी खिलाड़ियों की हत्याओं ने यह साफ कर दिया है कि पंजाब के खेल मैदान अब सिर्फ स्पोर्ट्स का मंच नहीं रहे, बल्कि गैंगस्टर–नेक्सस की नई जंग का अड्डा बन चुके हैं.
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
मोहाली के सोहाना में चल रहे कबड्डी टूर्नामेंट की शाम भी आम दिनों की तरह जोश से भरा था. 15 दिसंबर 2025 की शाम करीब 5:30 बजे सेक्टर–82 के इस ग्राउंड में टीमें मैदान में उतरने ही वाली थीं, दर्शक भरे हुए थे और ड्रम बज रहे थे. उसी वक्त कुछ लोग राणा बलाचौरिया उर्फ कंवर दिग्विजय सिंह (30) के पास पहुंचे, जैसे कि वे उसके फैन हों और सेल्फी के बहाने नज़दीक जाकर अचानक करीब से गोलियां दाग दीं. सिर और चेहरे पर लगी गोलियों से जख्मी राणा को 6 बजकर 5 मिनट पर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रॉट डेड घोषित कर दिया. जिस मैदान पर कुछ मिनट बाद एक अहम मैच होना था. वहां खून के धब्बे और दहशत के सिवा कुछ नहीं बचा, बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये इस वारदात की जिम्मेदारी ली और इसे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बदले से जोड़ा.
गुरविंदर की हत्या ने बनाई तस्वीर को खौफनाक
वहीं, लुधियाना के समराला में हुई गुरविंदर सिंह की हत्या ने तो तस्वीर और भी खतरनाक बना दी. 3 और 4 नवंबर की दरमियानी रात समराला ब्लॉक के एक गांव में 23 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह अपने साथियों के साथ सड़क किनारे खड़ा था, तभी देर रात बाइक और दूसरी गाड़ियों से आए नकाबपोश हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. गुरविंदर और उसका साथी धर्मवीर गंभीर रूप से घायल हुए और गुरविंदर ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि 4 नवंबर 2025 को यह घटना आधिकारिक तौर पर सामने आई. कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से इस मर्डर की जिम्मेदारी ली गई, खुद को कातिल बताते हुए करन माडपुर और तेज चक के नाम लिखे गए और साथ ही धमकी दी गई कि सुधर जाओ, अगली गोली तुम्हारी होगी. बाद की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि असली टारगेट धर्मवीर उर्फ धर्मा था और जिसे मारना था वह बच गया, जबकि गुरविंदर सिर्फ गलत समय पर गलत जगह खड़ा था. पुलिस ने इस केस में विदेश में रची गई साजिश, लोकल रेकी और शूटर्स के पूरे नेटवर्क का खुलासा करने की बात कही.
तेजपाल की भी हुई गोली मारकर हत्या
इसके अलावा लुधियाना में ही कुछ दिनों पहले नेशनल लेवल कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. नेशनल लेवल कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह की हत्या की दुखद घटना 30 अक्टूबर 2023 को लुधियाना ज़िले के जगरांव (गिद्धरविंडी इलाके) में दिनदहाड़े हुई थी. करीब 26 वर्षीय तेजपाल सिंह की हत्या गैंगवार का हिस्सा नहीं थी. बल्कि यह पुरानी और व्यक्तिगत रंजिश का भयावह अंजाम थी, जिसकी शुरुआत एक मामूली विवाद से हुई थी. बताया जा रहा है कि हत्या से लगभग तीन हफ्ते पहले तेजपाल के दोस्त प्रलाभ सिंह की पत्नी और बहन को आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ हनी और उसके साथियों ने कथित तौर पर घूरकर देखा था. जब इस बात पर विवाद हुआ तो तेजपाल ने अपने दोस्त का समर्थन करते हुए आरोपी हनी का खुलकर विरोध किया. हनी ने इस अपमान का बदला लेने की ठान ली थी. वारदात के दिन दोपहर करीब 3 बजे जब तेजपाल अपने दोस्त प्रलाभ सिंह के साथ फैक्ट्री की तरफ जा रहे थे, तभी हरप्रीत सिंह उर्फ हनी और उसके साथियों ने उन्हें घेर लिया. मामूली बहस जल्द ही मारपीट में बदल गई और इसी दौरान आरोपी हनी ने अपनी पिस्तौल निकालकर तेजपाल सिंह के सीने पर गोली मार दी. गंभीर रूप से घायल तेजपाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने परिवार की शिकायत पर मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ हनी और उसके साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
संदीप की हत्या का दिन नहीं भुलाया जा सकता
अगर फ्लैशबैक में जाएं तो मार्च 2022 में जालंधर के मल्लियां गांव का वह दिन भुलाया नहीं जा सकता इंटरनेशनल कबड्डी स्टार संदीप नंगल अम्बियां की हत्या पंजाब के खेल जगत में सबसे सनसनीखेज और खतरनाक घटना मानी जाती है यह हत्याकांड 14 मार्च 2022 की शाम जालंधर के मल्लियां गांव में एक कबड्डी कप के दौरान हुई थी. लगभग 40 वर्षीय संदीप सिंह संधू, जिन्हें संदीप नंगल अम्बियां के नाम से जाना जाता था. 14 मार्च को वह मैच के बीच में दर्शकों से घिरे खड़े थे, उसी शाम को करीब 6 बजे के आसपास चार से पांच शूटरों ने नजदीक से उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. उन्हें कई गोलियां लगीं और वह मैदान में ही गिर गए, जिसके बाद अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया गया.
कबड्डी फेडरेशन में कब्जा जमाने के लिए की हत्या
जांच में सामने आया कि यह हत्या केवल व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, बल्कि पूरे कबड्डी बिज़नेस पर नियंत्रण की लड़ाई थी. संदीप नंगल अम्बियां अपनी खुद की मेजर लीग कबड्डी फेडरेशन चलाते थे, जो कनाडा और अन्य देशों में टूर्नामेंट आयोजित करती थी. यही वजह थी कि उनका कनाडा-आधारित गैंगस्टर स्नोवर ढिल्लों से विवाद चल रहा था, जो अपनी प्रतिद्वंद्वी नेशनल कबड्डी फेडरेशन को आगे बढ़ाना चाहता था. स्नोवर ढिल्लों ने संदीप की लीग को खत्म करने और खिलाड़ियों को अपनी तरफ खींचने के लिए गैंगस्टरों के साथ मिलकर शूटर हायर किए थे. पुलिस जांच में पता चला कि शूटर्स को सुपारी दी गई थी और बाद में एक बदनाम गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी. इस हत्याकांड ने पूरे खेल जगत को हिलाकर रख दिया और यह स्थापित कर दिया कि पंजाब और आसपास के राज्यों में कबड्डी टूर्नामेंट पर सट्टेबाजों, गैंगस्टरों और मैच–फिक्सर्स की पकड़ कितनी मजबूत हो चुकी है, जिसके दबाव में न झुकने वाले खिलाड़ियों को रास्ते से हटा दिया जाता है.
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