Home Top News सांसदों का ऐसा व्यवहार अशोभनीय…’ विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर बोले CP राधाकृष्णन

सांसदों का ऐसा व्यवहार अशोभनीय…’ विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर बोले CP राधाकृष्णन

by Sachin Kumar
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Winter Session 2025 : संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर को शुरू हुआ था. साथ ही गुरुवार की बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की, तख्तियां दिखाई, कांगज फाड़े और उन्हें सदन के वेल में फेंककर जमकर हंगामा किया.

Winter Session 2025 : लोकसभा के बाद राज्यसभा में ग्रामीण रोज़गार गारंटी बिल (G RAM G) बिल पास हो गया है. इस राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और अब इसको लेकर राज्यसभा चेयरमैन सीपी राधाकृष्ण (CP Radhakrishnan) ने शुक्रवार को कड़ी निंदा की और इस व्यवहार को सदस्यों के लिए अशोभनीय बताया. उन्होंने इस हंगामे पर आत्मनिरीक्षण करने और भविष्य में ऐसे व्यवहार से बचने का आग्रह किया. सभापति ने कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले शीलतकालीन सत्र की 15 दिन की बैठक के दौरान हुए विधायी और अन्य कामकाज का सारांश पढ़ा.

20 साल पुरानी योजना का बदला नाम

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर को शुरू हुआ था. साथ ही गुरुवार की बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की, तख्तियां दिखाई, कांगज फाड़े और उन्हें सदन के वेल में फेंककर जमकर हंगामा किया. सीपी राधाकृष्ण ने विपक्ष सांसदों की तरफ हंगामे किए जाने के बाद कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय सदस्य आत्म मंथन करेंगे और भविष्य में ऐसा अनुशासनहीन व्यवहार नहीं दोहराएंगे. राज्यसभा गुरुवार को आधी रात के बाद तक चली ताकि उस बिल को पास किया जा सके जिसने 20 साल पुरानी ग्रामीण रोज़गार योजना – महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) की जगह ली.

100 से बढ़ाकर 125 दिन किए काम के दिन

G RAM G बिल में अकुशल शारीरिक मजदूरी के लिए प्रति परिवार गारंटी वाले काम के दिनों की संख्या मौजूदा 100 दिनों से बढ़ाकर 125 कर दी गई है. विपक्षी सांसदों ने नए कानून, रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण (रोज़गार और आजीविका मिशन के लिए गारंटी – ग्रामीण) से राष्ट्रपिता का नाम हटाए जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उच्च सदन का 269वां सत्र बहुत प्रोडक्टिव रहा, जिसमें करीब 92 घंटे की बैठकों के साथ 121 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी दर्ज की गई. अपने विदाई भाषण में राधाकृष्णन ने कहा कि शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण था क्योंकि पद संभालने के बाद सदन की अध्यक्षता करने का यह उनका पहला मौका था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद किया.

सदस्यों ने दिया चेयर का साथ

शीतकालीन सत्र में भारी हंगामे के बीच सभापति ने कहा कि अपने पहले सत्र के दौरान उन्होंने सदन के सुचारू रूप से चलने के लिए सदस्यों से सहयोग मांगा था. जिस पर मुझे खुशी है कि माननीय सदस्यों ने इस शीतकालीन सत्र के दौरान काफी काम पूरा करने के लिए चेयर का साथ दिया. इसके अलावा चेयरमैन ने बताया कि सदन ने काम पूरा करन के लइए 5 दिनों तक बैठकें बढ़ाने या लंच ब्रेक छोड़ने पर सहमति जाहिर की है. उन्होंने यह भी कहा कि जीरो आवर की गतिविधियों में बीते सत्रों के मुकाबले काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसमें रोजाना 84 से ज्यादा नोटिस मिले, जो पिछले दो सत्रों की तुलना में करीब 31 फीसदी ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी G RAM G बिल पास, संसद के बाहर रातभर धरने पर बैठा रहा विपक्ष

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