Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.
Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी देशभर में लोगों को लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसियों को पुनः शुरू कराने के नाम पर ठगते थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने भारतीय रिज़र्व बैंक, दिल्ली उच्च न्यायालय, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), एनपीसीआई और बीमा लोकपाल के फर्जी LOGO और दस्तावेजों का इस्तेमाल करके लोगों का विश्वास जीता. द्वारका के पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि संदिग्ध बैंक खातों में 20 लाख रुपये से अधिक की राशि फ्रीज कर दी गई है, जबकि धोखाधड़ी की कुल राशि लगभग 1 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
द्वारका से गिरोह के सरगना को दबोचा
उन्होंने बताया कि ये गिरफ्तारियां राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर अपलोड की गई शिकायतों की जांच के बाद की गईं, जिनसे द्वारका के एक बैंक खाते से जुड़े संदिग्ध नकद निकासी का पता चला. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान निशांत चौहान नामक एक व्यक्ति को उस समय पकड़ा गया जब वह 2 लाख रुपये निकालने के लिए बैंक पहुंचा. पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने और अन्य लोगों ने धोखाधड़ी की रकम को 1.5 से 10 प्रतिशत तक कमीशन के बदले में गिरोह को अपने बैंक खाते दिए थे. जांच के बाद द्वारका से गिरोह के सरगना साहिल बेरी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि बेरी बीमा अधिकारी बनकर फोन करता था और पीड़ितों को पॉलिसी परिपक्वता, एनओसी और समय से पहले निपटान के लिए पैसे जमा करने के लिए मना लेता था.
18 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, जाली स्टांप बरामद
सागरपुर स्थित एक कॉल सेंटर पर छापेमारी में किशन कुमार, दमन बख्शी, सुमित गोस्वामी और नीरज को गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर चोरी किए गए बीमा डेटा का उपयोग करके टेली-कॉलर के रूप में काम करते थे. इसके बाद की छापेमारी में विनय मल्होत्रा और अजय बाजपेयी को गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर धोखाधड़ी से प्राप्त धन के संग्रह और वितरण का समन्वय करते थे. तलाशी के दौरान पुलिस ने 18 मोबाइल फोन, चार हार्ड ड्राइव, दो लैपटॉप, विभिन्न अधिकारियों के जाली स्टाम्प, फर्जी दस्तावेजों वाली एक पेन ड्राइव और एक एसयूवी कार जब्त की. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें उत्तराखंड निवासी की एक शिकायत भी शामिल है. उत्तराखंड निवासी पीड़ित ने लगभग 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
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