Home Top News दीपू दास के बाद बांग्लादेश में और हिंदू की हत्या, भीड़ ने पीट-पीटकर ली अमृत मंडल की जान

दीपू दास के बाद बांग्लादेश में और हिंदू की हत्या, भीड़ ने पीट-पीटकर ली अमृत मंडल की जान

by Neha Singh
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Bangladeshi Hindu Killed

Bangladeshi Hindu Killed: दीपू चंद्र दास के बाद बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उस पर जबरन वसूली का आरोप था.

26 December, 2025

Bangladeshi Hindu Killed: दीपू चंद्र दास के शव में लगी आग अभी शांत भी नहीं हुई है और बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई. बांग्लादेश में कथित तौर पर जबरन वसूली के आरोप में एक अमृत मंडल नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. यह घटना बुधवार को राजबाड़ी शहर के पांग्शा उपजिला में हुई. इससे पहले दीपू चंद्र दास की भी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग लगा दिया था. अब अमृत मंडल को भी इसी तरह मारा गया है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय दहशत में जी रहा है.

वसूली का आरोप

मृतक की पहचान 30 वर्षीय अमृत मंडल के रूप में हुई है, जिसने कथित तौर पर एक आपराधिक गिरोह बनाया था और वह जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल था. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस हत्या की “कड़ी निंदा” की और कहा कि यह कोई सांप्रदायिक हमला नहीं था. रिपोर्ट के अनुसार, घटना वाले दिन मंडल को स्थानीय लोगों ने तब पीटा जब वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ एक निवासी के घर से पैसे वसूलने की कोशिश कर रहा था. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मंडल को गंभीर हालत में बचाया.

एक व्यक्ति गिरफ्तार

सहायक पुलिस अधीक्षक (पांग्शा सर्किल) देबब्रत सरकार ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सुबह करीब 2:00 बजे उसे मृत घोषित कर दिया. सरकार ने बताया कि मंडल के शव को पोस्टमार्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल के मुर्दाघर भेज दिया गया है. घटना के बाद ज्यादातर साथी भाग गए, लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके पास से हथियार बरामद किए. पुलिस के अनुसार, मंडल के खिलाफ कम से कम दो मामले दर्ज थे, जिसमें एक हत्या का मामला भी शामिल है.

तख्तापलट के बाद से बिगड़े हालात

हत्या की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार ने एक बयान में कहा कि वह “किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों, सामूहिक पिटाई या हिंसा का समर्थन नहीं करती है.” एक बयान में, सरकार ने कहा कि यह घटना कोई सांप्रदायिक हमला नहीं थी, बल्कि जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों से पैदा हुई हिंसक स्थिति का नतीजा थी. इसमें कहा गया है कि इस घटना में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद देश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कई हमले हुए हैं और हिंदू विरोधी माहौल बना है.

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