Home अंतरराष्ट्रीय कंगाली में भी ‘गधों’ से मालामाल पाकिस्तान, 5 साल में ऐसे बदली माली हालत

कंगाली में भी ‘गधों’ से मालामाल पाकिस्तान, 5 साल में ऐसे बदली माली हालत

by Live Times
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Pakistan Economy : गधे आमतौर से हंसी का पात्र होते हैं, लेकिन पाकिस्तान की इकोनॉमी के लिए ये वरदान साबित हो रहे हैं. इनसे लोगों को घर चलाने में भी मदद मिल रही है.

12 June, 2024

Pakistan Economy : पिछले कई सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत खराब स्थिति में है. यहां पर रह रहे लोगों के लिए खाद्य उत्पादों की कीमतें भी बीते सालों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन अब वहां की इकोनॉमी को सहारा देने की जिम्मेदारी गधों ने ले ली है. पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण (PES) 2023-24 के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान पाकिस्तान में गधों की आबादी 1.72 प्रतिशत बढ़कर 5.9 मिलियन तक पहुंच गई है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान में लगातार गधों की आबादी बढ़ रही है.

ग्रामीणों के लिए गधे वरदान

आंकड़ों से पता चल रहा है कि गधों की आबादी 2019-2020 में 5.5 मिलियन, 2020-21 में 5.6 मिलियन, 2021-22 में 5.7 मिलियन और 2022-23 में 5.8 मिलियन थी, जबकि अब यह बढ़कर 5.9 मिलियन हो गई है. गधों के अलावा, घोड़े और खच्चर कम भाग्यशाली हैं और पिछले 5 वर्षों से उनकी संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है. गधे पाकिस्तान के लोगों के लिए बड़ी उम्मीद हो सकते हैं, खासकर ग्रामीणों के लिए जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था जानवरों से जुड़ी हुई है.

चीन भी पाकिस्तान से खरीदता है गधे

पड़ोसी देश चीन में भी गधों का महत्व बहुत है और उसे मूल्यवान संपत्ति के रूप में भी देखा जाता है. चीनी मार्केट में गधों की खाल की काफी मांग है, क्योंकि वहां के लोग गधों की खाल से बने उत्पादों को कीमती समझते हैं. यह अलग बात है कि चीनी बाजार गधों की मांग को पूरी करने में विफल है. ऐसे में चीन पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से गधों को बड़ी संख्या में आयात करता है.

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