Home Religious Ambubachi Mela 2024 : असम में शुरू हो चुका है 3 दिवसीय अंबुबाची मेला, जानिए इसकी खास बातें

Ambubachi Mela 2024 : असम में शुरू हो चुका है 3 दिवसीय अंबुबाची मेला, जानिए इसकी खास बातें

by Pooja Attri
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Ambubachi Mela 2024 : कामाख्या देवी मंदिर एक बहुत ही लोकप्रिय शक्तिपीठ है. यह असम के गुवाहाटी में स्थित है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, यहां देवी सती की योनि का भाग गिरा था.

22 June, 2024

Ambubachi Mela 2024 : नीलांचल की पहाड़ियों पर स्थित कामाख्या मंदिर देश के फेमस शक्तिपीठों में से एक है. यह मंदिर तांत्रिक उपासकों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, यहां देवी सती की योनि का भाग गिरा था. यहां हर साल 3 दिन का अंबुबाची मेला लगता है. शनिवार (22 जून, 2024) से इस मेले की शुरुआत हो चुकी है, जिसकी समाप्ति 25 जून को होगी. धार्मिक परंपरानुसार, 26 जून की सुबह मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. आइए जानते हैं अंबुबाची मेले की कुछ खास बातें.

अंबुबाची मेला क्यों लगता है? (Kyu Lagta Hai Ambubachi Mela)

इस मेले से जुड़ी मान्यता बेहद अजीब है. मंदिर के पुजारियों का मानना है कि मां कामाख्या को साल में 1 बार रजस्वला यानी मासिक धर्म होता है. इस दौरान मंदिर के दरवाजे 3 दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं, जिससे कोई मंदिर में प्रवेश न कर सके. फिर 3 दिन की अवधि के बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं. 3 दिन के इस मेले के दौरान यहां दूर-दूर से लोग तांत्रिक तंत्र क्रिया के लिए आते हैं.

खास चीज दी जाती है प्रसाद में

अंबुबाची मेले के दौरान जब मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं, उस दौरान उनकी योनि के ऊपर एक सफेद कपड़ा रखा जाता है. फिर जब 3 दिन बाद मंदिर खुलता है तो यह कपड़ा लाल रंग का हो जाता है. दर्शन के लिए आए भक्तों और श्रृद्धालुओं को यही कपड़ा प्रसाद के रूप में दिया जाता है, जिसको अंबुबाची वस्त्र कहा जाता है.

कामख्या मंदिर क्यों खास है?

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, जब देवी सती के पिता राजा दक्ष ने उनके पति महादेव का अपमान किया तो उन्होंने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने शरीर का त्याग कर दिया. इसके बाद महादेव देवी सती की मृत्यु से व्याकुल होकर उनके शरीर को ब्रह्मांड में लेकर घूमने लगे. तब श्रीहरि विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर के टुकड़े कर दिए. मान्यतानुसार, इसी जगह पर मां सती की योनि का हिस्सा गिरा था. इस मंदिर में रोजाना हजारों पशुओं की बलि दी जाती है. यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए भी बहुत फेमस है.

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