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हमें विश्वास है ‘क्वाड’ समूह की रिलेवेंसी आगे जाकर बढ़ेगी- एस जयशंकर

by Farha Siddiqui
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हमें विश्वास है क्वाड समूह की रिलेवेंसी आगे जाकर बढ़ेगी, एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलिया में एस जयशंकर की भविष्यवाणी

10 February 2024 

ऑस्ट्रेलिया में एस जयशंकर की भविष्यवाणी

हिन्द महासागर सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में हैं। यहां ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ एक चर्चा के दौरान एस जयशंकर ने एक भविष्यवाणी कर दी। उन्होने कहा कि हमें विश्वास है कि ‘क्वाड’ समूह की रिलेवेंसी आगे जाकर बढ़ने वाली है। यह क्षेत्रीय और क्षेत्र से परे राजनीति और नीति में एक बड़ा फैक्टर बनेगा।

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाले ‘क्वाड’ समूह को लेकर बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि यह समूह मेजर पावर की बदलती कैपेबिलिटी और पूरी दुनिया पर उसके असर का परिणाम है। यह हमारे लिए ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के साथ तीन बहुत महत्वपूर्ण रिलेशंस को भी दर्शाता है जो कोल्ड वॉर खत्म होने के बाद बदल गए हैं।

कब हुआ क्वाड का गठन ?

क्वाड का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख से निपटने के लिए 2017 में किया गया था। इसमे भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को शामिल किया गया है। इस सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ये चारों देश इस समुद्री क्षेत्र के चार कोनों पर स्थित हैं।

हिंद महासागर में गहराई से जुड़ा भारत

विदेश मंत्री ने हिंद महासागर के देशों के साथ भारत की पार्टनरशिप के बारे में भी बात की। उन्होने कहा कि आज हिंद महासागर के पुनर्निर्माण और उसे फिर से जोड़ने की चुनौती है। आप ऐसा भारत देखने जा रहे हैं जो हिंद महासागर में बहुत गहराई से जुड़ा होगा और बहुत गहरायी से उसमें इनवेस्ट करेगा। मुझे लगता है कि वे सच में धैर्यपूर्वक और सम्मानपूर्वक इस क्षेत्र का फिर से निर्माण कर सकते हैं।

सैलानी एवेन्यू का किया दौरा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पर्थ में भारतीय मूल के सैनिक नैन सिंह सैलानी के नाम पर रखे गए सैलानी एवेन्यू का भी दौरा किया। शिमला में जन्मे नैन सिंह उस समय 43 साल के थे जब उन्हें ऑस्ट्रेलियन और न्यूजीलैंड आर्मी कोर की 44वीं इंफेंट्री बटालियन में शामिल किया गया था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति से मुलाकात

एस जयशंकर और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और उसे मजबूत बनाने पर राजी हुए। विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पर्थ में हिंद महासागर सम्मेलन से अलग श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और उसे गहरा करने का संकल्प लिया।

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