Stock Market Update: भारत के शेयर बाजार ने बीते सप्ताह जो प्रदर्शन किया, वह न केवल आर्थिक आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि देश अब सिर्फ राजनीतिक या सैन्य रणनीति में ही नहीं, बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी दुनिया को चुनौती देने की क्षमता रखता है.
Stock Market Update : सीजफायर की घोषणा के बाद भारत के शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जहां एक ओर पाकिस्तान के साथ युद्ध ने देश को ग्लोबल फोकस में ला दिया, वहीं दूसरी ओर बाजार ने निवेशकों की झोली भर दी. केवल 5 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स और निफ्टी ने मिलकर कई लाख करोड़ रुपये की कमाई करवाई, जो दुनियाभर के किसी भी बाजार की तुलना में सबसे तेज रफ्तार है.
सीजफायर के बाद बाजार में आई बहार
भारत पाक तनाव के बीच 9 मई को जब बाजार बंद हुआ था, तब निवेशक सस्पेंस में थे. लेकिन 10 मई को जैसे ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की खबर आई, बाजार में तेजी की लहर दौड़ गई. अगले 5 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 2,876 अंकों का उछाल आया और यह 82,330.59 अंकों पर बंद हुआ. यह उछाल लगभग 3.62% रहा. निवेशकों ने लंबे समय बाद इतना तेज और पोस्टिव मूवमेंट देखा, जिससे बाजार में उत्साह का माहौल बना रहा.
निफ्टी बना ‘कमाई का राजा’
जहां सेंसेक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं निफ्टी ने उसे भी पीछे छोड़ दिया. 9 मई को 24,008 अंकों पर बंद होने वाला निफ्टी 16 मई को 25,019.80 अंकों तक पहुंच गया. पांच कारोबारी दिनों में 1,011 अंकों की छलांग के साथ निफ्टी ने 4.21% का रिटर्न दिया. यानी जिन निवेशकों ने सही समय पर पैसा लगाया, उन्हें शानदार मुनाफा हुआ.

21.50 करोड़ निवेशकों को मिला बोनस जैसा मुनाफा
बीएसई का मार्केट कैप 9 मई को 4,16 लाख करोड़ रुपये था, जो 16 मई को बढ़कर 4,42 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसका मतलब है कि पांच दिनों में 26.44 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति निवेशकों की जेब में गई. इतनी तेज बढ़त से छोटे और मध्यम निवेशकों के आत्मविश्वास को भी जबरदस्त बल मिला है.
शुक्रवार को थोड़ी सुस्ती, लेकिन रफ्तार बरकरार
हालांकि शुक्रवार को बाजार थोड़ा फिसला. सेंसेक्स 200 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, लेकिन पूरे हफ्ते की तुलना में यह गिरावट बहुत मामूली रही. निफ्टी भी दिन के दौरान नीचे गया लेकिन अंत में हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ. विशेषज्ञों के अनुसार यह गिरावट मुनाफावसूली का हिस्सा थी और बाज़ार की समग्र रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ा.
दुनिया के बाजारों को पीछे छोड़ा भारत ने
जब भारत में ये अभूतपूर्व तेजी दिखी, उसी समय अमेरिका, जापान, चीन और यूरोप के बाजार कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे. अमेरिकी बाजारों ने सिर्फ 2% तक का रिटर्न दिया जबकि चीन और जापान में 1% तक भी उछाल नहीं आया. इसकी तुलना में भारत के बाजारों ने 4% से ज्यादा रिटर्न देकर यह साबित कर दिया कि वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारतीय निवेशक और बाजार आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.
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