एटीएम धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन तीनों ने ही बुराड़ी इलाके में एक शख्स के साथ धोखाधड़ी की थी.
ATM fraudsters held in Delhi: दिल्ली पुलिस ने एटीएम धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि शनिवार को बताया कि उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक व्यक्ति से 98,000 रुपये की एटीएम धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान ई-रिक्शा चालक धर्मेंद्र (34), मजदूर साहेब कुमार साहनी (32) और ई-रिक्शा चालक टुनटुन (37) के रूप में हुई है, जिसका आपराधिक इतिहास रहा है. सभी आरोपी बिहार के एक ही इलाके के रहने वाले हैं और काम के सिलसिले में दिल्ली आए थे.
पुलिस ने दी ये जानकारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “वे किराए के मकान में रहते थे और आसानी से पैसा कमाने के लिए धोखाधड़ी करने लगे थे.” पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 75,000 रुपये नकद और विभिन्न बैंकों के 30 एटीएम कार्ड बरामद किए. अधिकारी ने अपराधी की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, “यह मामला 15 जुलाई को जिलेसासन नाम के एक व्यक्ति द्वारा दर्ज किया गया था, जिसने आरोप लगाया था कि बुराड़ी स्थित एक एटीएम में 98,000 रुपये जमा करने की कोशिश के दौरान तीन अज्ञात लोगों ने उसे धोखा दिया. आरोपियों ने शिकायतकर्ता को कैश डिपॉजिट मशीन में नकदी जमा करने के लिए उकसाया और बाद में खुद ही रकम निकाल ली.”
कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. टीम ने एटीएम से सीसीटीवी फुटेज खंगाली और एक आरोपी की पहचान धर्मेंद्र के रूप में हुई. उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने धर्मेंद्र को मदनपुर खादर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान, उसने अपने साथियों की पहचान बताई, जो छापेमारी के समय घर पर मौजूद थे. अधिकारी ने कहा, “तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्होंने एटीएम धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 75,000 रुपये नकद और विभिन्न बैंकों के 30 एटीएम कार्ड बरामद किए.” आरोपियों ने एटीएम उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाने की बात कबूल की है. वे अक्सर जमा या निकासी के दौरान मददगार बनकर उन्हें धोखा देते थे. बाद में वे कार्ड बदल लेते थे या उनका इस्तेमाल करके पैसे निकाल लेते थे. शिकायत मिलने के बाद पुलिस इस गिरोह की छानबीन में जुट गई थी. आखिरकार पुलिस की टीम को कड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिल ही गई.
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