Home अपराध पालघर ट्रेन फायरिंग : RPF पुलिसकर्मी पर लगा हत्या और दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप, चलती ट्रेन में मारी थी 4 लोगों को गोली

पालघर ट्रेन फायरिंग : RPF पुलिसकर्मी पर लगा हत्या और दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप, चलती ट्रेन में मारी थी 4 लोगों को गोली

by Sachin Kumar
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पालघर ट्रेन फायरिंग: RPF पुलिसकर्मी पर लगा हत्या और दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप, चलती ट्रेन में मारी थी 4 लोगों को गोली

Palghar Train Firing : जयपुर-मुंबई सेंट्रल ट्रेन हादसे में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कांस्टेबल पर आरोप तय हो गए हैं. अब आरोपी के खिलाफ सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.

07 August, 2024

Palghar Train Firing : जयपुर-मुंबई सेंट्रल ट्रेन में पिछले साल चार लोगों को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के जवान ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में बर्खास्त RPF कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी (Constable Chetansingh Choudhary) पर बुधवार को हत्या और धर्म के आधार पर विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी बढ़ावा देने का आरोप तय हो गया है. अकोला की अदालत ने चेतन सिंह चौधरी के ऊपर आरोप तय कर दिए हैं और मामले की सुनवाई के लिए रास्ता साफ कर दिया है.

चलती ट्रेन में हुई थी घटना

पालघर की यह घटना पिछले साल 21 जुलाई, 2023 को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस ट्रेन में घटी थी. आरोपी ने गोली मारने के बाद मीरा रोड स्टेशन के पास चलती ट्रेन की चेन खींचकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे रास्ते में पकड़ लिया गया. बता दें कि कांस्टेबल ने कथित तौर पर RPF के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीना और ट्रेन में सवार तीन यात्रियों को गोली मार कर हत्या कर दी थी.

आरोपी कांस्टेबल पर कई धाराओं में केस दर्ज

मर्डर के बाद RPF कांस्टेबल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए. पालघर ट्रेन हादसे को लेकर सत्र न्यायाधीश एनएल मोरे ने आरोपी से अपराध के बारे में पूछताछ की तो उसने अनजाने में अपना अपराध स्वीकार कर लिया. हालांकि, वकीलों की सलाह देने के बाद आरोपी ने अपना बयान बदल लिया और उसने कहा कि मैं दोषी नहीं हूं.

सही नहीं थी RPF जवान की तबीयत

इससे पहले जब इस मामले में बहस हुई तो अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में घटना के बारे में विस्तार से बताया, जबकि आरोपी कांस्टेबल के वकील जयवंत पाटिल और सुरेंद्र लांडगे ने दलील दी कि आरोपी की तबियत ठीक नहीं थी और उसे आराम की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर आरोपी को आराम दिया जाता तो यह घटना नहीं होती. आरोपी के वकील ने कहा कि अभी तक एक महिला के अलावा किसी ने भी नहीं कहा कि आरोपी कांस्टेबल ने सांप्रदायिक बयान दिया था.

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