एक समय था जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अस्तित्व ही सवालों के घेरे में था. शिक्षा कभी भी पिछली सरकारों के एजेंडे का हिस्सा नहीं थी. मजबूत नींव के बिना कोई मजबूत ढांचे के निर्माण की कल्पना कैसे कर सकता है ?
Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पिछली राज्य सरकारों पर शिक्षा क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि 2017 से पहले राज्य का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड “अस्तित्व के संकट” का सामना कर रहा था, जबकि बुनियादी शिक्षा लगभग ध्वस्त हो गई थी. उन्होंने कहा कि राज्य में माध्यमिक शिक्षा पहले सामूहिक धोखाधड़ी के लिए जानी जाती थी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने “अनुबंध धोखाधड़ी” प्रणाली को पूरी तरह से खत्म कर दिया. ये बातें योगी ने सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लिए 494 चयनित सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए एक कार्यक्रम में कही.
ये भी पढ़ेंः भारत के दौरे पर ईरान के विदेश मंत्री, एस जयशंकर से भी करेंगे मुलाकात; पाकिस्तान का भी किया दौरा
2017 से पहले बड़े पैमाने पर नकल के लिए कुख्यात थी राज्य की माध्यमिक शिक्षा
कहा कि 2017 से पहले राज्य में माध्यमिक शिक्षा बड़े पैमाने पर नकल के लिए कुख्यात थी. स्कूल बंद होने के कगार पर थे.एक समय था जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अस्तित्व ही सवालों के घेरे में था. शिक्षा कभी भी पिछली सरकारों के एजेंडे का हिस्सा नहीं थी. मजबूत नींव के बिना कोई मजबूत ढांचे के निर्माण की कल्पना कैसे कर सकता है? इच्छाशक्ति की कमी थी. शिक्षा सरकार के एजेंडे में नहीं थी. कुछ लोगों को राज्य और देश के बच्चों के भविष्य के साथ खेलने का जुनून था. आदित्यनाथ ने दावा किया कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और यहां तक कि जम्मू और कश्मीर सहित अन्य राज्यों के छात्र बड़े पैमाने पर नकल के लिए जाने जाने वाले यूपी के कुछ जिलों में परीक्षा देने आते थे और वहां प्रॉक्सी उम्मीदवार भी हुआ करते थे. हमने इस अनुबंध धोखाधड़ी प्रणाली को पूरी तरह से खत्म कर दिया.
‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत सरकार ने परिषदीय स्कूलों में किया सुधार
उन्होंने अपनी सरकार के सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2017 से उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमने नवाचार और प्रौद्योगिकी को अपनाया, खासकर बुनियादी शिक्षा में. ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत सरकार ने परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुधार किए हैं.उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भी राष्ट्रीय स्तर पर इन नवाचारों को मान्यता दी है.आदित्यनाथ ने याद किया कि जब ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ शुरू किया गया था, तब अधिकांश परिषदीय स्कूल छात्र संख्या में गिरावट और शिक्षकों की कमी के कारण बंद होने के कगार पर थे.
उन्होंने कहा कि हमने धीरे-धीरे इन चुनौतियों का समाधान किया और आज ये स्कूल सकारात्मक परिणामों के साथ नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहे हैं. नवनियुक्त शिक्षकों से आधुनिक शैक्षिक मांगों के अनुरूप बने रहने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम अपने युवाओं को वर्तमान चुनौतियों के लिए तैयार करने में विफल रहते हैं, तो इससे सिर्फ मौजूदा पीढ़ी ही पीड़ित नहीं होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी.
निष्पक्ष प्रक्रिया के जरिए 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी
भर्ती में पारदर्शिता का दावा करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है, जिसमें अकेले माध्यमिक शिक्षा विभाग में 40 हजार से अधिक शिक्षक भर्तियां शामिल हैं. कहा कि अगर कोई हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है या हमारे नागरिकों को धमकाता है, तो भारत कड़ा जवाब देता है. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर दुश्मन की मांद में भी घुस जाता है.उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारत की ताकत को देखा है और आने वाले समय में भी यह देखती रहेगी.
ये भी पढ़ेंः सर्वदलीय बैठक खत्म, आतंक के खिलाफ कार्रवाई और रणनीति पर चर्चा; ऑपरेशन सिंदूर को सफलता