Home मनोरंजन ‘पंचायत’ और ‘ग्राम चिकत्सालय’ जैसी बड़ी सीरीज को मात देता है 40 साल पुराना एक टीवी शो, क्या आप जानते हैं नाम?

‘पंचायत’ और ‘ग्राम चिकत्सालय’ जैसी बड़ी सीरीज को मात देता है 40 साल पुराना एक टीवी शो, क्या आप जानते हैं नाम?

by Jiya Kaushik
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Bollywood Update: OTT पर भले ही हर महीने नई-नई वेब सीरीज आ रही हों, लेकिन इस शो जैसा कंटेंट आज भी दुर्लभ है. यह शो सिर्फ मनोरंजन नहीं, भारतीय संस्कृति, भावना और मूल्यों का आईना है.

Bollywood Update: OTT पर भले ही हर महीने नई-नई वेब सीरीज आ रही हों, लेकिन इस शो जैसा कंटेंट आज भी दुर्लभ है. यह शो सिर्फ मनोरंजन नहीं, भारतीय संस्कृति, भावना और मूल्यों का आईना है.

Bollywood Update: आज जहां OTT प्लेटफॉर्म्स पर ‘पंचायत’, ‘गुल्लक’, ‘द फैमिली मैन’ और ‘मिर्जापुर’ जैसी वेब सीरीज ने दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है, वहीं एक ऐसा शो भी है जो इन सभी से कहीं पहले बना था और आज भी दर्शकों के मन में खास जगह रखता है. बात हो रही है 1986 में आये ‘मालगुडी डेज’ की- एक ऐसा शो जिसने भारतीय टेलीविजन पर कंटेंट की परिभाषा ही बदल दी थी.39 साल बाद भी इसकी कहानियां उतनी ही ताजी और प्रभावशाली लगती हैं. यही कारण है कि आज भी ‘मालगुडी डेज’ भारतीय दर्शकों के दिल के बेहद करीब है.

OTT की भीड़ में ‘मालगुडी डेज’ आज भी सबसे ऊपर

आज जहां एक तरफ जब हर उम्र के लिए OTT पर अलग-अलग जॉनर की वेब सीरीज मौजूद हैं, उस दौर में भी ‘मालगुडी डेज’ को IMDB पर 9.4 की रेटिंग मिली है. जो कि ‘पंचायत’ (8.9), ‘गुल्लक’ (9.0) और ‘मिर्जापुर’ (8.5) जैसी फेमस सीरीज से भी ऊपर है. यह शो भले ही 39 साल पुराना हो, मगर इसकी कहानियां आज भी ताजा लगती हैं.

80 के दशक में आई, आज तक कर रही दर्शकों के दिल पर राज

‘मालगुडी डेज’ का पहला एपिसोड 1986 में टेलीकास्ट हुआ था. यह शो आर. के. नारायण की कहानियों पर आधारित था और इसका निर्देशन शंकर नाग ने किया था. शो की कहानियों में भारतीय ग्रामीण जीवन, सामाजिक भावनाएं और सादगी इतनी खूबसूरती से बुनी गई थी कि वह आज भी दर्शकों को छू जाती हैं.

‘स्वामी’ और उसकी दुनिया

The Magic of Malgudi: How Shankar Nag Brought RK Narayan's Masterpiece to  Life on Television - News18

इस शो का सबसे प्यारा किरदार ‘स्वामी’ रहा, जिसे मास्टर मंजूनाथ ने निभाया था. इसके अलावा गिरीश कर्नाड, देवेन भोजानी और हरीश पटेल जैसे मंझे हुए कलाकार भी शो का हिस्सा थे. शो के हर एपिसोड में एक नई कहानी, नया अनुभव और नई सोच दिखाई जाती थी-यही इसकी यूएसपी थी.

शो के नाम से बढ़ी इस स्टेशन की शान

ये शो बच्चों से लेकर बूढ़ो तक हर किसी की पहली पसंद थी, यह इतना लोकप्रिय शो था कि कर्नाटक के अरसालू रेलवे स्टेशन का नाम ही बदलकर ‘मालगुडी रेलवे स्टेशन’ रख दिया गया. यह भारतीय टेलीविजन इतिहास का शायद पहला ऐसा शो है, जिसका नाम किसी असली जगह को दिया गया हो.

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