Trinamool Congress: तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आरोप लगाया कि बदले की भावना के चलते मोदी सरकार राज्य का बकाया 52,000 करोड़ रुपये नहीं दे रही है.
Trinamool Congress: तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आरोप लगाया कि बदले की भावना के चलते मोदी सरकार राज्य का बकाया 52,000 करोड़ रुपये नहीं दे रही है. बकाये राशि को लेकर TMC सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में विरोध जताया. कहा कि ममता बनर्जी से राजनीतिक बदला लेने के लिए पूरे राज्य को भूखा रखा जा रहा है. विरोध के दौरान सांसदों ने हाथ में तख्तियां लेकर नारे लगाए और मांग की कि राज्य को लंबित राशि जल्द दी जाए. पार्टी नेताओं ने दावा किया है कि केंद्र पर राज्य का 52,000 करोड़ रुपये बकाया है. राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि मोदी सरकार पश्चिम बंगाल को लगातार मदद से वंचित रख रही है क्योंकि वे बंगाल में जीत नहीं सकते. आज 100 दिन की नौकरी की गारंटी संसद के एक अधिनियम द्वारा लोगों को दिया गया अधिकार है, लेकिन भारत सरकार पर 52,000 करोड़ रुपये अभी भी बकाया हैं.
केंद्र पर मनरेगा का पैसा न देने का आरोप
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कहना पूरी तरह से झूठ है कि कोई कार्रवाई रिपोर्ट या उपयोग प्रमाण पत्र नहीं है. कहा कि सभी दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं. बंगाल सरकार की ओर से सभी कागजी कार्रवाई पूरी हो गई है, लेकिन वे मनरेगा का पैसा जारी करने से इनकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह गैरकानूनी है, यह अमानवीय है, बंगाल को वंचित करना और बंगाल के साथ भेदभाव है. टीएमसी सांसदों ने बुधवार और गुरुवार को भी इस मुद्दे पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था. शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में टीएमसी ने कहा कि केंद्र पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. टीएमसी ने आरोप लगाया कि बंगाल को एक ऐसे शासन द्वारा बंधक बना लिया गया है जो दिल्ली के शाही अहंकार के आगे झुकने से इनकार करने पर राज्यों को दंडित करता है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की मज़दूरी, आवास योजना के घरों से वंचित, जल जीवन मिशन के फंड का गला घोंट दिया गया, क्योंकि बंगाल ने घुटने टेकने से इनकार कर दिया.
सड़कों से संसद तक चलेगी लड़ाई
यह एक कड़वी सच्चाई है कि मोदी सरकार राजनीतिक बदला लेने के लिए पूरे राज्य को भूखा मार रही है. यह लड़ाई अब बंगाल की सड़कों से संसद तक चलेगी. हम बंगाल के जायज बकाये का एक भी रुपया सत्ता के भूखे केंद्र द्वारा लूटने, रोकने या गबन करने की अनुमति नहीं देंगे. राज्यसभा में एक लिखित जवाब में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने कहा था कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल को धनराशि जारी करना 9 मार्च, 2022 से रोक दिया गया था, क्योंकि राज्य द्वारा केंद्र के निर्देशों का लगातार पालन नहीं किया जा रहा था. उन्होंने दावा किया कि 8 मार्च 2022 तक पश्चिम बंगाल से संबंधित कुल लंबित देनदारी 4,50,000 करोड़ रुपये थी. कुल 3082.52 करोड़ रुपये की राशि में से 1457.22 करोड़ रुपये की मजदूरी, 1607.68 करोड़ रुपये की सामग्री तथा 17.62 करोड़ रुपये प्रशासनिक मद के अंतर्गत शामिल हैं.
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