Home Latest News & Updates सहकारिता क्षेत्र को नई ताकत: सरकार की रणनीति से देश के हर गांव में मजबूत होगा आर्थिक ढांचा

सहकारिता क्षेत्र को नई ताकत: सरकार की रणनीति से देश के हर गांव में मजबूत होगा आर्थिक ढांचा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Amit Shah

Amit Shah: शाह ने कहा कि सरकार ने वैश्विक जैविक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 2035 तक 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.

Amit Shah: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अपनी निश्चित रणनीति के तहत सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में देश के सकल घरेलू उत्पाद में सहकारी क्षेत्र के योगदान को तीन गुना करना है. इसके अलावा 50 करोड़ से अधिक सक्रिय सहकारी सदस्य बनाना है. गांधीनगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अर्थ समिट में अपने संबोधन में शाह ने कहा कि सरकार ने वैश्विक जैविक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 2030 तक 20 प्रतिशत और 2035 तक 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करना चाहती है. अर्थ समिट राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय पहल है.शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्रों को देश की आर्थिक व्यवस्था और समग्र विकास के महत्वपूर्ण घटकों के रूप में मान्यता दी गई.

हर पंचायत में होगी सहकारी संस्था

शाह ने कहा कि एक पूर्ण विकसित भारत की परिकल्पना में प्रत्येक नागरिक का कल्याण शामिल है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहकारिता, कृषि, पशुपालन और ग्रामीण विकास क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि एक निश्चित रणनीति के तहत हमने तय किया है कि कुछ ही वर्षों में हम हर पंचायत में एक सहकारी संस्था स्थापित करेंगे. हम 50 करोड़ से ज़्यादा सक्रिय सहकारी सदस्य बनाएंगे और देश की जीडीपी में सहकारी समितियों के योगदान को तीन गुना बढ़ाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्री ने उपस्थित लोगों को बताया कि गुजरात में बनास डेयरी ने डेयरी क्षेत्र में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था का मॉडल विकसित किया है और वह मॉडल अब पूरे देश में अनुकरण के लिए उपलब्ध है.

जैविक परीक्षण के लिए बनेंगे लैब

इस अवसर पर शाह ने घोषणा की कि अब सहकारिता मंत्रालय देश में गन्ना क्षेत्र के लिए भी इसी तरह का एक चक्रीय अर्थव्यवस्था मॉडल विकसित करने पर काम कर रहा है. जैविक खेती क्षेत्र पर मंत्रालय के फोकस के बारे में शाह ने कहा कि नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि देश में लगभग 49 लाख किसान पहले ही प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं और किसानों के लिए इसमें अपार संभावनाएं हैं. शाह ने कहा कि भारत ऑर्गेनिक्स और अमूल के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किसानों की भूमि और उपज का जैविक परीक्षण करने के लिए प्रयोगशालाओं की एक श्रृंखला बना रहे हैं ताकि किसान अपने जैविक खाद्य पदार्थों को आसानी से बेच सकें. वर्तमान में गेहूं और चावल जैसे लगभग 40 ऐसे जैविक उत्पाद पहले से ही ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं.

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