Home Top News ICT-BD सुनाएगा शेख हसीना के खिलाफ फैसला? जुलाई विद्रोह में मारे गए थे 1400 लोग; ये था मामला

ICT-BD सुनाएगा शेख हसीना के खिलाफ फैसला? जुलाई विद्रोह में मारे गए थे 1400 लोग; ये था मामला

by Sachin Kumar
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Sheikh Hasina News : बांग्लादेश में शेख हसीना को फांसी पर लटकाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. जुलाई विद्रोह को दबाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 17 नवंबर को फैसला सुनाने के लिए कहा है.

Sheikh Hasina News : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अंतरिम सरकार का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. इसी बीच देश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह मानवता के विरुद्ध अपराध मामले में शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाएगा. 78 साल की शेख हसीना पिछले साल अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन के बाद हसीना कई मामलों का सामना कर रही हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त (जिसको जुलाई विद्रोह कहा जाता है) के बीच 1400 लोग मारे गए थे, क्योंकि हसीना सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.

न्यायाधिकरण ने किया भगोड़ा घोषित

वहीं, विशेष अदालत में उपस्थित एक वकील ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) के तीन सदस्यीय पैनल अध्यक्ष न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने फैसला सुनाने के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है. हसीना सरकार में गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया गया. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया. मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है और आरोप लगाया कि पिछले साल बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया.

54 गवाह हुए कोर्ट के सामने पेश

दूसरी तरफ हसीना के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. मामून ने व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना किया, लेकिन एक सरकारी गवाह के रूप में पेश हुए. ICT-बीडी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मजूमदार की तरफ से फैसले की तारीख का एलान करने के बाद पूर्व पुलिस प्रमुख कटघरे में पेश हुए. बांग्लादेश कोर्ट ने 28 दिनों की सुनवाई के बाद 23 अक्टूबर को मामले में की सुनवाई पूरी की, जब 54 गवाहों ने अदालत के समक्ष गवाही दी और बताया कि कैसे पिछले साल जुलाई विद्रोह को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए थे, जिसने 5 अगस्त, 2024 को हसीना सरकार को गिरा दिया था. आपको बताते चलें कि पिछले साल 5 अगस्त को बढ़ती अशांति के बीच बांग्लादेश से भाग गई थीं और वर्तमान में भारत में रह रही हैं. बताया जा रहा है कि कमाल ने भी पड़ोसी देश में शरण ली है. साथ ही मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हसीना ने प्रत्यर्पण की मांग की है, फिलहाल भारत की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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