ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि हमारी चर्चा आतंकवाद का मुकाबला करने पर केंद्रित थी, जिसके लिए शून्य-सहिष्णुता होनी चाहिए.
New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से फोन पर बातचीत की. उन्हें बताया कि आतंकवाद के प्रति “शून्य सहनशीलता” होनी चाहिए. जयशंकर-लैमी की बातचीत भारत के रणनीतिक साझेदारों द्वारा नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव कम करने के प्रयासों की पृष्ठभूमि में हुई है. विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी चर्चा आतंकवाद का मुकाबला करने पर केंद्रित थी, जिसके लिए शून्य-सहिष्णुता होनी चाहिए.
जयशंकर ने एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी की थी बात
जयशंकर ने गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, इतालवी उप प्रधान मंत्री एंटोनियो तजानी और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि काजा कालास के साथ भी फोन पर बातचीत की थी. मालूम हो कि पहलगाम हमले के बाद बुधवार की सुबह भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर यूरोपीय संघ रख रहा नजर
अमेरिकी विदेश सचिव ब्रूस ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है. कल्लास के साथ अपनी फोन वार्ता पर जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ के मानव संसाधन विकास मंत्री @kajakallas के साथ चल रहे घटनाक्रम पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने कार्यों में सावधानी बरती है. भारत-पाकिस्तान तनाव पर यूरोपीय संघ ने कहा कि वह “क्षेत्र में बढ़ते तनाव और उसके परिणामों, जिसमें और अधिक लोगों की जान जाने की संभावना भी शामिल है, पर बारीकी से और बड़ी चिंता के साथ नज़र रख रहा है.
भारत और पाक दोनों बरतें संयमः यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ ने कहा है कि भारत और पाक दोनों संयम बरतें. साथ ही तनाव कम करने के साथ लोगों की जान बचाने के लिए आगे के हमलों से बचें. यूरोपीय संघ ने कहा कि दोनों देश बातचीत से हल निकालें. यूरोपीय संघ ने कहा कि वह स्थिति को कम करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करेगा. ब्रिटिश विदेश सचिव ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव एक गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन सरकार भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और आगे की दिशा में एक त्वरित, कूटनीतिक रास्ता खोजने के लिए सीधी बातचीत करने का आग्रह कर रही है.
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