Israel–Gaza: इजराइल और गाजा के बीच चल रहा युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब इसी बीच इजारियल की ओर से गाजा पर एक और ऑपरेशन लॉन्च किया गया. जिससे अभी तक 24 घंटे के भीतर 150 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है.
Israel–Gaza: इजरायल और हमास के बीच यह टकराव अब अपने सबसे तीव्र मोड़ पर है. एक ओर जहां इजरायल बंधकों की रिहाई के लिए हमास पर सैन्य दबाव बना रहा है, वहीं दूसरी ओर गाजा में बढ़ती मानवीय त्रासदी और नागरिकों की मौतें वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी हैं. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि कूटनीति आगे बढ़ती है या संघर्ष और गहराता है.
गाजा में बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत
इजरायल ने शनिवार को “ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स” के तहत गाजा पट्टी पर एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया. इस अभियान का उद्देश्य हमास पर दबाव बनाकर बाकी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बार साफ कर दिया है कि वह गाजा पर शासन कर रहे आतंकवादी समूह को पूरी तरह खत्म करने तक पीछे नहीं हटेंगे. इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने कहा कि यह ऑपरेशन “बड़ी ताकत” के साथ चलाया जा रहा है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 150 से अधिक लोग इस सैन्य कार्रवाई में मारे जा चुके हैं.

ट्रम्प की यात्रा के बाद बढ़ा दबाव
यह सैन्य कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्य पूर्व यात्रा के एक दिन बाद शुरू हुई, जिसमें उन्होंने इजरायल का दौरा नहीं किया. माना जा रहा था कि उनकी यात्रा से युद्धविराम या मानवीय सहायता शुरू हो सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नेतन्याहू पूरे दिन दोहा और अमेरिकी दूतों के संपर्क में रहे और वार्ता दल को कतर में ही रुकने का निर्देश दिया. इस बातचीत के बीच इजरायल ने अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी, जबकि हमास एक स्थायी युद्धविराम और इजरायली सेना की वापसी की शर्त पर जोर दे रहा है- जिसे इजरायल ने सिरे से खारिज कर दिया है.
बंधकों की स्थिति और मानवीय संकट
इजरायल का दावा है कि गाजा में अब भी 23 बंधक जीवित हैं, लेकिन उनमें से तीन की स्थिति को लेकर चिंता है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 18 मार्च को युद्धविराम टूटने के बाद से अब तक 3,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. शनिवार को जबालिया शरणार्थी शिविर में इजरायली हमले में कम से कम चार बच्चे मारे गए, जबकि अन्य कई घायल हुए. इसी दौरान तेल अवीव में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन कर युद्ध समाप्त करने और सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग की.
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