Israel-Iran Clash: इजरायल ने शुक्रवार (13 जून, 2025) को अचानक हमले शुरू किए, जिसमें ईरान की सेना के कई शीर्ष अधिकारियों और वरिष्ठ वैज्ञानिकों को मार गिराया गया.
Israel-Iran Clash: शनिवार (14 जून, 2025) को लगातार दूसरे दिन इजरायल ने ईरान पर भीषण हमले किए, जिससे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया कि यह सैन्य अभियान और तेज होगा. दूसरी ओर, ईरान ने अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता को रोक दिया है, जिसे इस बमबारी को रोकने का एकमात्र रास्ता माना जा रहा था.
इजरायल का अचानक हमला, ईरानी सेना के शीर्ष अधिकारी ढेर
इजरायल ने शुक्रवार (13 जून, 2025) को अचानक हमले शुरू किए, जिसमें ईरान की सेना के कई शीर्ष अधिकारियों और वरिष्ठ वैज्ञानिकों को मार गिराया गया. माना जा रहा है कि इजरायल ने पहली बार ईरान के तेल और गैस उद्योग को भी निशाना बनाया. ईरानी सरकारी मीडिया ने एक प्रमुख गैस क्षेत्र में आग लगने की खबर दी. नेतन्याहू ने दावा किया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई साल पीछे धकेल दिया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की संयम बरतने की अपीलों को ठुकराते हुए कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक ईरान का परमाणु खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता.
नेतन्याहू का वीडियो संदेश: “आने वाला झटका और बड़ा होगा”
नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम आयतुल्लाह शासन के हर ठिकाने को निशाना बनाएंगे. अभी तक जो हुआ, वह कुछ भी नहीं. आने वाले दिनों में ईरान को और बड़ा झटका लगेगा.” एक रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान में एक आवासीय इमारत पर हुए हमले में 60 लोग मारे गए, जिनमें 29 बच्चे शामिल हैं. इजरायल ने 150 से ज्यादा ठिकानों पर हमले का दावा किया है.
ईरान का जवाबी हमला, इजरायल में तीन की मौत
ईरान ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को जवाबी हमला किया, जिसमें सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे गए. इस हमले में इजरायल में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई. सायरन बजने के साथ लोग आश्रयों की ओर भागे, और आसमान में मिसाइलों को रोकने वाले इंटरसेप्टर दिखाई दिए.
ट्रंप की चेतावनी: “ईरान समझौता करे, वरना और बुरा होगा”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के हमलों की सराहना की और ईरान को चेतावनी दी कि अगर वह नहीं रुका तो स्थिति और खराब हो सकती है. ट्रंप ने कहा कि इजरायल को रोकने का एकमात्र रास्ता यह है कि ईरान वॉशिंगटन में होने वाली परमाणु वार्ता में तुरंत शामिल हो और अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित करने का समझौता करे. हालांकि, ईरान ने वार्ता रद्द कर दी है, जिससे क्षेत्र में युद्ध का खतरा और बढ़ गया है.
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