King Charles III Visited Swaminarayan Temple: ब्रीटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने अपनी पत्नी महारानी कैमिला के साथ लंदन स्थित BAPS स्वामिनारायण मंदिर के दर्शन किए. इस मंदिर को नीसडन मंदिर के नाम से भी जाता है.
30 October, 2025
King Charles III Visited Swaminarayan Temple: भारतीय संस्कृति को अब दुनियाभर में सम्मान मिल रहा है. वैश्विक नेता भी इसका पालन करने से पीछे नहीं हटते. ब्रीटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने अपनी पत्नी महारानी कैमिला के साथ लंदन स्थित BAPS स्वामिनारायण मंदिर के दर्शन किए. इस मंदिर को नीसडन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर की 30वीं वर्षगांठ पर राजा चार्ल्स ने अपने परिवार संग स्वामिनारायण मंदिर में दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण किया. उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर मंदिर के स्वयंसेवकों और भक्तों को उनके निस्वार्थ और समर्पित सेवा के लिए बधाई दी.
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प्रधान पुजारी साधु योगविवेकदास स्वामी ने 76 वर्षीय महाराजा चार्ल्स का स्वागत पारंपरिक शांति और मैत्री का प्रतीक पवित्र धागा बांधने की रस्म के साथ किया. राजा और रानी ने भगवान के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने स्वंयसेवकों से मिलकर उनके सेवा के बारे में जानकारी ली. इस दौरान राजा ने सितंबर 2026 में पेरिस में बनने वाले BAPS मंदिर के बारे में जानकारी ली. यह फ्रांस में का पहला हिंदू मंदिर होगा.
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किंग चार्ल्स का जताया आभार
लंदन मंदिर के मुख्य संरक्षक संत योग विवेकदास स्वामी ने कहा, भक्त समुदाय इस ऐतिहासिक अवसर पर शाही दंपत्ति का नीसडेन मंदिर में स्वागत करते हुए प्रसन्न है. हम उनकी मित्रता और मंदिर के सामाजिक सेवा कार्यों में उनकी निरंतर रुचि के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं. वहीं, BAPS संगठन के आध्यात्मिक प्रमुख महंत स्वामी महाराज ने भारत से एक वीडियो के माध्यम से शाही परिवार के लिए अपनी प्रार्थनाएं और आशीर्वाद व्यक्त किया. उन्होंने कहा, अपनी दशकों की जनसेवा के दौरान आपने आस्था को महत्व दिया है और धर्मों के बीच सद्भाव को बढ़ावा दिया है. आज यहां आपकी उपस्थिति इसका प्रमाण है.
ब्रिटिश शाही परिवार और BAPS का पुराना रिश्ता
शाही परिवार ने सबसे पहले BAPS स्वामीनारायण संगठन में 1996 में दर्शन किए थे. चार्ल्स 2001 के गुजरात भूकंप के बाद सहायता प्रदान करने के लिए मंदिर आए थे. इसके अलावा, वे दिवाली और होली जैसे विशेष अवसरों पर भी कई बार मंदिर आ चुके हैं. 1995 में अपने उद्घाटन के बाद से, नीसडन मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया है. श्रद्धा, सेवा और भारतीय संस्कृति के अद्वितीय प्रतीक इस मंदिर ने बाल और युवा विकास, वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल, स्वास्थ्य और मानवीय सहायता जैसे अनेक सेवा कार्यों के माध्यम से ब्रिटिश समाज में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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