Operation Sindhu: ईरान और इजरायल के बीच में संघर्ष चरम पर पहुंच गया है और स्थिति को बिगड़ते देख भारत सरकार ने ईरान से स्टूडेंट्स समेत कई भारतीयों को निकालना शुरू कर दिया है.
Operation Sindhu: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष अभी तक अपने गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. दोनों देश एक-दूसरे की राजधानियों पर मिसाइलों से हमाल कर रहे हैं. इसी बीच भारत ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है और अभी तक ईरान से 517 भारतीय की वापसी हो चुकी है. विदेश मंत्रालय ने अपने ऑफशियल एक्स अकाउंट पर लिखा कि ईरान से इजरायल के सैन्य टकराव को देखते हुए कई स्टूडेंट समेत अन्य भारतीयों को शुक्रवार की रात और शनिवार की तड़के दिल्ली लाया गया है. भारत ने बुधवार को ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू करने की घोषणा की है.
ईरानी सरकार का किया आभार व्यक्त
वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स अकाउंट पर लिखा कि ऑपरेशन सिंधु उड़ान कई भारतीय नागरिकों को वापस लेकर आ गई है. उन्होंने कहा कि भारत ने चार्टर उड़ान के जरिए ईरान से 290 भारतीय नागरिकों को निकाला गया. इनमें छात्र और धार्मिक तीर्थयात्रियों भी शामिल थे. यह उड़ान 20 जून को करीब 11:30 बजे नई दिल्ली पहुंची और अरुण चटर्जी ने भारतीय नागरिकों का स्वागत किया. इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से चलाया गया ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए ईरानी सरकार के आभारी हैं. इसके अलावा दूसरे एक्स पोस्ट में उन्होंने तुर्कमेनिस्तान से आए एक निकासी विमान के बारे में भी जानकारी साझा की.
विदेश राज्य मंत्री ने किया स्वागत
बता दें कि ऑपरेशन सिंधु के तहत संघर्ष प्रभावित ईरान से निकाले गए 110 भारतीय नागरिकों को पहला जत्था गुरुवार को भारत में पहुंच गया था. वतन लौटने के बाद कई लोगों ने अपनी व्यथा को व्यक्त किया था. इसी बीच विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कठिन यात्रा के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उनका स्वागत किया. जानकारी से पता चला है कि ईरान में सबसे ज्यादा अध्ययन करने वाले छात्र जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और अब इन सभी को भारत लाया गया है. जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में पीएम मोदी को धन्यवाद व्यक्त किया. एसोसिएशन ने पोस्ट में लिखा कि ईरान के मशहद से 290 छात्रों को फ्लाइट से लाया गया जिसमें से ज्यादा जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और इन्हें नई दिल्ली लाया गया है.
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