Pakistan News : पाकिस्तान में बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी के दो सदस्यों को कोर्ट ने 31-31 साल की सजा सुनाई. इन दोनों सदस्यों के पास से पंजाब प्रांत में 3 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री मिली थी.
Pakistan News : पाकिस्तान सरकार को सबसे ज्यादा चुनौती BLA के बाद बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी (BRA) से मिलती है. इस संगठन के सदस्य पाकिस्तान अन्य हिस्सों में हमला करते रहते हैं और पाकिस्तानी आर्मी को भी अपना निशाना बनाते हैं. इसी बीच पाकिस्तान की एक अदालत ने बैन बीआरए के दो सदस्यों को 31-31 साल की सजा सुनाई है. इन दोनों सदस्यों के पास से पंजाब प्रांत में उनके पास से करीब 3 किलोग्राम एक्सप्लोसिव और हथियार बरामद किए गए थे. बलूचिस्तान के रोझान के रहने वाले सदन और नबी दादा के खिलाफ मामला एंटी-टेररिज्म कोर्ट, साहीवाल में चलाया गया था, जहां पर उन्हें करीब 31 साल की सजा सुनाई गई.
BRA पर लगा दिया था पाक सरकार ने 2010 में प्रतिबंध
बताया जा रहा है कि दोनों दोषियों को सजा मिलने के बाद साहीवाल सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. दूसरी तरफ पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने बताया कि BRA के एक्टिविस्ट को पिछले साल जून में लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर पाकपट्टन जिले में एक रेड के दौरान गिरफ्तार किया गया था. CTD ने कहा कि दोनों आतंकी पुलिसवालों की एक बिल्डिंग को बम धमाके में उड़ाने की प्लानिंग कर रहे थे. इसके अलावा उनके पास से करीब 3 हजार ग्राम विस्फोटक सामग्री, केबल, एक लोहे का बक्सा, इलेक्ट्रिक डिवाइस, डेटोनेटर हथियार और कैश बरामद किया गया. बलूचिस्तान प्रांत के एक हथियारबंद मिलिटेंट ग्रुप, बलूच रिपब्लिकन आर्मी (BRA) पर पाकिस्तान सरकार ने साल 2010 में प्रतिबंध लगा दिया था.
बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश बनाने का देखा सपना
बता दें कि बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी की शुरुआत नवाब अकबर बुगती के नेतृत्व में 2004-2006 के दौरान हुई थी. इसका उद्देश्य भी बीएलए की तरह बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश बनाना का है. हालांकि, पहले इसका लक्ष्य डोमिनेंट स्टेट के रूप में था लेकिन समय बीतने के साथ ही इसने भी पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करना शुरू कर दिया. शुरुआत में अकबर के संगठन के लोग BLA में थे, लेकिन इसके बाद नवाब अकबर बुगती के पोते ब्रह्मदाग बुगती ने एक अलग सशस्त्र विंग खड़ा कर दिया, जिसका नाम बलूच रिपब्लिकन आर्मी रखा गया. हालांकि, इसकी बुनियाद अकबर बुगती रहे. वहीं, 26 अगस्त 2006 में पाकिस्तानी आर्मी ने एक ऑपरेशन चलाकर नवाब अकबर बुगती को घेरकर मार दिया था और उसके बाद ब्रह्मदाग बुगती अफगानिस्तान भाग गया. बताया जाता है कि ब्रह्मदाग स्विट्जरलैंड में निर्वासित है, जहां से वह संगठन को संचालित करता है.
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