Congress Politics : कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है. बताया जा रहा है कि सीएम पद को लेकर डीके शिवकुमार 2.5 साल के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं और सिद्धारमैया अपना कार्यकाल पूरा करना चाहते हैं.
Congress Politics : कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान मची हुई है और कांग्रेस के लिए संकट घड़ी पैदा हो गई है. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर बाजार तेजी से गर्म हो गया है. इसी बीच कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह कर्नाटक में लीडरशिप के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वरिष्ठ नेता आगे के रास्ते पर चर्चा करेंगे और मुद्दे को सुलझाने का काम करेंगे. साथ ही राज्य की राजनीति जो कंफ्यूजन है, उसे भी दूर करने का काम करेंगे.
दिल्ली बुलाएं जाएंगे नेता
20 नवंबर को कर्नाटक में कांग्रेस ने अपनी सरकार का आधा सफर तय कर लिया. इसी बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्ताधारी पार्टी के अंदर सत्ता की खींचतान तेज हो गई है, जो 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित पावर शेयररिंग समझौते के बैकग्राउंड में है. खरगे ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि दिल्ली जाने के बाद मैं तीन-चार जरूरी नेताओं को बुलवाऊंगा और उनसे विस्तार से बात करूंगा. साथ ही बातचीत करने के बाद ही तय किया जाएगा किस दिशा की तरफ आगे बढ़ना है और इससे कंफ्यूजन भी खत्म हो जाएगा. इसके अलावा सीएम और डिप्टी सीएम को दिल्ली बुलाने को लेकर जवब खरगे से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमें निश्चित रूप से उन्हें बुलाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए.
राहुल गांधी भी रहेंगे चर्चा में मौजूद
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मैं सभी को बुलाऊंगा और बात करूंगा. इस दौरान लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे, साथ ही सीएम और डिप्टी सीएम समेत दूसरे सदस्य भी बातचीत में शामिल होंगे. बैठक करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा. इस बीच ऑफिशियल सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया ने यहां अपने घर पर सीनियर मंत्रियों और अपने करीबी माने जाने वाले नेताओं के साथ मीटिंग की, जिनमें जी परमेश्वर, सतीश जरकीहोली, एचसी महेदवप्पा, के वेंकटेश और केएल राजन्ना शामिल हुए. बता दें कि कर्नाटक में बीते 6 महीने से सीएम बदलने की चर्चाएं चल रही हैं और इसके पीछे कई कारण बताएं जा रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि जब कांग्रेस की सरकार राज्य में आई थी उस वक्त फॉर्मूला बनाया गया था कि 2.5 साल के लिए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और उसके बाद के कार्यकाल के लिए डीके शिवकुमार को कमान सौंपी जाएगी. साथ ही इस बात की पुष्टि खुद एक बार डीके शिवकुमार ने भी की थी. उस वक्त उन्होंने कहा था कि इसकी चर्चा बंद कमरे में 6-7 लोगों के बीच हुई थी.
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