Bangladesh violence: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर वहां की अदालत फैसला सुनाने वाली है. इससे ठीक पहले पिछले दो दिनों से देश में आगजनी और बम हमलों से तनाव का माहौल है.
Bangladesh violence: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर वहां की अदालत फैसला सुनाने वाली है. इससे ठीक पहले पिछले दो दिनों से देश में आगजनी और बम हमलों से तनाव का माहौल है. गुरुवार को बांग्लादेश की ढाका एक किले में तब्दील हो गई. क्यों कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने ढाका लॉकडाउन का आह्वान किया है. अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. क्यों कि यही अदालत शेख हसीना और उसके शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर फैसला सुनाने की तारीख तय करेगी. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अब भंग हो चुकी अवामी लीग द्वारा ढाका बंद के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. विशेष अदालत के अभियोजन दल के एक सदस्य ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) शेख हसीना और उसके शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर फैसला सुनाने की तारीख तय करेगा.
सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश तैनात
अधिकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) परिसर के अंदर और आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए सेना, अर्धसैनिक बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और दंगा-रोधी उपकरणों से लैस पुलिस बल को तैनात कर दिया है.जबकि अवामी लीग के विरोध के बीच सुरक्षा व्यवस्था के कारण हज़ारों लोग घरों के अंदर ही रहे. गुरुवार को ढाका की सड़कें खाली दिखीं. हालांकि, विश्वविद्यालयों सहित कई निजी संस्थानों ने हिंसा भड़कने के डर से ऑनलाइन काम किया. एक कार्यालय जाने वाले कर्मचारी ने बताया कि हमारे बीच डर का कोई भाव नहीं है. हालांकि, एक निजी यात्री बस चालक ने कहा कि यात्रियों की संख्या अन्य दिनों की तुलना में कम थी, लेकिन शहर की सड़कें लगभग हमेशा की तरह व्यस्त दिखीं. बताया जाता है कि अज्ञात लोगों ने राजधानी, उपनगरीय मुंशीगंज, मध्य तंगेल और दक्षिण-पश्चिमी गोपालगंज में हसीना के गृहनगर में पांच बसों में आग लगा दी, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण तय करेगा फैसले की तारीख
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) हसीना, उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कनाल और पूर्व पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल मनुन के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध के एक मामले में फैसला सुनाने की तारीख की घोषणा करने वाला है. शेख हसीना पर पिछले साल जुलाई में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया गया था. आंदोलन ने 5 अगस्त, 2024 को अवामी लीग शासन को उखाड़ फेंका था. मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम और उनके सहयोगियों ने 1 जून को न्यायाधिकरण में पांच मामलों में शिकायत दर्ज कराने के बाद हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है. पहले मामले में प्रतिवादियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप लगाया गया था, जबकि दूसरे मामले में हसीना पर प्रदर्शनकारियों के विनाश का आदेश देने का आरोप लगाया गया था. तीसरे मामले में उन पर भड़काऊ टिप्पणी करने और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप लगाया गया था. बाकी मामलों में प्रतिवादियों पर ढाका और उसके उपनगरों में छात्रों सहित छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था.
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