Election Commission: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की चुनाव आयोग की घोषणा से राजनीतिक घमासान छिड़ गया है.
Election Commission: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की चुनाव आयोग की घोषणा से राजनीतिक घमासान छिड़ गया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आशंका जताई है कि भाजपा के इशारे पर पात्र मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास किया जा सकता है, जबकि भगवा पार्टी ने कहा कि किसी भी अवैध मतदाता को बख्शा नहीं जाएगा. चुनाव आयोग के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी वास्तविक मतदाताओं को सूची से हटाने के किसी भी प्रयास का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेगी. घोष ने कहा कि अगर किसी भी योग्य मतदाता का नाम हटाने का प्रयास किया जाता है, तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. हमें मतदाता सूची संशोधन से कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर इसके नाम पर कोई भाजपा के इशारे पर किसी भी योग्य मतदाता का नाम हटाने की कोशिश करता है, तो हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे. उन्होंने लोगों से शांत रहने और भाजपा के जाल में न फंसने का आग्रह किया.
भाजपा के जाल में न फंसने का आग्रह
उन्होंने कहा कि हम सभी से शांत रहने और भाजपा के जाल में न फंसने का आग्रह करते हैं. बस याद रखें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ हैं. हालांकि, भाजपा ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत किया और इसे अवैध मतदाताओं को बाहर निकालने के लिए एक आवश्यक कदम बताया. वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि किसी भी अवैध मतदाता को बख्शा नहीं जाएगा. जो वैध मतदाता हैं उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन घुसपैठिए, जो टीएमसी के वोट बैंक हैं, उन्हें बाहर कर दिया जाएगा. चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण 4 नवंबर से शुरू होगा.
4 नवंबर से शुरू होगी गणना प्रक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में शामिल न हो. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे. गणना प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी, जबकि मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी. जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया होगी, वे हैं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल. इनमें से चार राज्यों तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होंगे. कुमार ने स्पष्ट किया कि असम में, एसआईआर की घोषणा अलग से की जाएगी. वर्तमान में चल रहा एसआईआर स्वतंत्रता के बाद से नौवां ऐसा अभ्यास है, पिछला 2002 और 2004 के बीच हुआ था. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में आखिरी बार 2002 में एसआईआर हुआ था.
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