Home Religious आज से शुरू है पौष माह, इस महीने भूलकर भी न करें ये 5 पांच काम, सूर्यदेव की पूजा का है खास महत्व

आज से शुरू है पौष माह, इस महीने भूलकर भी न करें ये 5 पांच काम, सूर्यदेव की पूजा का है खास महत्व

by Live Times
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Paush Maah Rules

Paush Maah Niyam: पौष माह में सुर्यदेव की पूजा की जाती है और पितरो को याद करते दान-पुण्य किया जाता है. लेकिन इस महीने कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.

5 December, 2025

Paush Maah Niyam: हिंदू पांचांग के अनुसार, आज 5 दिसंबर, 2025 से पौष माह की शुरुआत हो गई है, जो 3 फरवरी 2026 को पूर्णिमा को खत्म होगा. हिंदू धर्म में पौष महीने का खास महत्व है. यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का दसवां महीना है. यह महीना सूर्यदेव और पितरो से जुड़ा हुआ. पौष माह में सुर्यदेव की पूजा की जाती है और पितरो को याद करते हुए दान-पुण्य किया जाता है. माना जाता है कि इस महीने सूर्यदेव की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों दूर हो जाती हैं और पितरों को याद करने से घर में सुख-शांति आती है. लेकिन इस महीने कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए और गलत कामों से दूर रहना चाहिए. यहां जानें कि पौष माह में किन कामों को नहीं करना चाहिए.

क्या न करें

  • पौष महीने में खरमास लग जाता है, इसलिए इस महीने कोई भी शुभ कार्य करना सही नहीं है. शादी,मुंडन, गृह प्रवेश जैस कोई भी मांगलिक कार्यों को आप पौष में शुरू न करें, वरना काम बिगड़ जाता है और जीवन में परेशानियां आती हैं.
  • पौष महीने में किसी भी किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. इस महीने बिजनेस, निवेश या किसी बड़े काम की शुरुआत न करें. पौष महीना अशुभ होने के कारण आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है.
  • पौष महीने में बैंगन, मूली, दाल, उड़द दाल और फूलगोभी खाने से परहेज करना चाहिए. इनका सेवन अशुभ माना जाता है, इसलिए आप इसे न खाएं. इसके अलावा आप पौष महीने में केवल सात्विक भोजन ही करें. मांसाहारी भोजन और शराब को छोड़कर आप भगवान की पूजा करें.
  • माना जाता है कि पौष महीने में तेल की मालिश भी नहीं करनी चाहिए. तेल की मालिश करने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बिगड़ जाता है और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

क्या करें

  • पौष महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. आप रोज सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें. इस अनुष्ठान से बीमारियां खत्म होती हैं और मान-सम्मान बढ़ता है.
  • अमावस्या, संक्रांति, पूर्णिमा और एकादशी पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण और दान करना शुभ माना जाता है. इससे पितरों का श्राप दूर होता है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं.
  • पौष महीने में पूरे दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और मंदिरों में दान करें. इससे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद मिलता है.

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