एहतियात के तौर पर गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मुरैना जिले में अवैध शराब के कारोबार में शामिल दो गुटों के बीच सोमवार को गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई.
Morena (MP): मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में सोमवार को अवैध शराब के कारोबार में वर्चस्व को लेकर दो गुटों में जमकर गोलीबारी हुई. जिसमें दो लोगों की जान चली गई. गोलीबारी की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया.एहतियात के तौर पर गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मुरैना जिले में अवैध शराब के कारोबार में शामिल दो गुटों के बीच सोमवार को गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई. घटना जिले के सिहोनिया थाना क्षेत्र के भाई खान का पुरा गांव में सोमवार सुबह हुई.
छावनी में तब्दील हुआ गांव
मुरैना (सिटी कोतवाली) के थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह ने बताया कि मिरघान गांव निवासी बंटी भदौरिया (39) और उसके भतीजे भोला भदौरिया (23) की शराब कारोबारियों के दूसरे गुट ने गोली मारकर हत्या कर दी. जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. एहतियात के तौर पर मृतक के गांव में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बंटी को सूचना मिली थी कि भाई खान का पुरा गांव में कोई व्यक्ति अवैध शराब लेकर आ रहा है. जब वह अपने भतीजे के साथ वहां पहुंचा तो वहां अवैध शराब के धंधे में लिप्त एक अन्य गुट पहले से ही मौजूद था.
पहले भी हो चुकी है दोनों गुटों में झड़प
दोनों गुटों के बीच विवाद के बाद गोलीबारी हुई, जिसमें बंटी और उसके भतीजे की मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, बंटी और भोला अवैध शराब का धंधा चलाते थे. जबकि प्रदीप तोमर, लुक्का तोमर और लालकी पंडित गुट भी इसी कारोबार में शामिल था. पुलिस ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले भी कई बार झड़प हो चुकी है. इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने इस घटना के लिए राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की है.
मध्य प्रदेश में जंगलराज चरम परः उमंग सिंघार
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जंगलराज चरम पर है. मुरैना के सिहोनिया में अवैध शराब माफिया ने चाचा-भतीजे को दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला. क्योंकि उन्होंने अवैध शराब ले जा रहे वाहन को रोकने का साहस किया था. राज्य में ऐसी घटनाओं से साफ है कि माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. भाजपा राज में न तो जनता सुरक्षित है और न ही न्याय व्यवस्था. कहा कि गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री के पास है, फिर भी माफिया बेलगाम क्यों हैं ? क्या यही है भाजपा का सुशासन ?
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