अधिकारी ने कहा कि साबिर आलम को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था. हाई-प्रोफाइल मामले में तीन साल से अधिक समय से फरार चल रहा था.
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने नकली कैंसर दवा रैकेट के मुख्य आरोपी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी तीन सील से फरार चल रहा था. दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो नकली कैंसर की दवाओं की आपूर्ति से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में तीन साल से अधिक समय से फरार चल रहा था.
दो डॉक्टरों सहित 14 लोग पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
अधिकारी ने कहा कि साबिर आलम को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था. वह पश्चिम बंगाल के रानी गंज में रह रहा था. उन्होंने कहा कि मामला पहली बार नवंबर 2022 में सामने आया था जब चार लोगों को नकली कैंसर की दवा की आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा कि इसके बाद की जांच में एक बड़े अवैध दवा रैकेट का पता चला, जिसमें दो डॉक्टरों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि हरियाणा के सोनीपत में एक विनिर्माण इकाई और उत्तर प्रदेश के ट्रॉनिका सिटी में एक गोदाम पर भी छापा मारा गया और बड़ी मात्रा में नकली दवाएं जब्त की गईं थीं. पुलिस उपायुक्त (अपराध) हर्ष इंदौरा ने कहा कि आलम ने सिंडिकेट में अहम भूमिका निभाई थी.
कोलकाता में नकली कैंसर की दवाइयों का वितरण करता था आरोपी
आरोपी कोलकाता में नकली कैंसर की दवाइयों का वितरण करता था और बांग्लादेश में सीमा पार शिपमेंट की सुविधा प्रदान करता था, जहां डॉ. रसेल को दवाएं दी जाती थीं. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने मरीजों से नकदी संग्रह का प्रबंधन भी किया और अपना हिस्सा रखने के बाद डॉ. पवित्र नारायण प्रधान और शुभम मन्ना सहित सह-आरोपियों को हस्तांतरित की. हाल ही में दिल्ली पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि आलम रानी गंज में रह रहा है. इसके बाद टीम रानी गंज पहुंची. टीम ने होटलों और गेस्ट हाउसों की जांच शुरू कर दी. इस बीच 20 मई को टीम को पता चला कि आलम ने रानी गंज से कंडा, बर्धमान, पश्चिम बंगाल के लिए भी बस पकड़ी थी. उन्होंने कहा कि डॉ. प्रधान ने जल्द अमीर बनाने का वादा करके दवा रैकेट चलाया था. पुलिस ने कहा कि आरोपी सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद भूमिगत हो गया था.
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