याचिका मोहम्मद जावेद ने दायर की थी, जो इस मामले में आठवां आरोपी है. उसने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की थी.
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की स्क्रीनिंग को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और कहा कि फिल्म को रिलीज होने दें. न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब हत्या के मामले में एक आरोपी की ओर से पेश वकील ने कहा कि फिल्म की रिलीज से मामले की सुनवाई प्रभावित होगी.
फिल्म के ट्रेलर जारी
वकील ने कहा कि फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी और फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म के ट्रेलर जारी कर दिए हैं. ऐसी आशंका है कि इससे मामले की सुनवाई प्रभावित होगी और आरोपी के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा. पीठ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए कहा कि फिल्म को रिलीज होने दें. आप (गर्मी की छुट्टियों के बाद अदालत के दोबारा खुलने पर) नियमित पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करें. यह याचिका मोहम्मद जावेद ने दायर की थी, जो इस मामले में आठवें आरोपी के रूप में मुकदमे का सामना कर रहा है. उन्होंने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की थी.
कार्यवाही हो सकती है प्रभावितः याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि फिल्म अपने ट्रेलर और प्रचार सामग्री से सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ प्रतीत होती है और इस समय फिल्म को रिलीज़ करना, जिसमें आरोपी को दोषी और कहानी को पूरी तरह से सच दिखाया गया है, चल रही कार्यवाही को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. राजस्थान के उदयपुर में रहने वाले दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद ग़ौस ने घृणा अपराध के परिणामस्वरूप हत्या कर दी थी.
जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में केस
बाद में हमलावरों ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि यह हत्या पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करने के कारण हुई थी. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अलावा कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है.
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