Countries without Railway Connectivity: रेलवे के बिना भी एक देश का ट्रांसपोर्ट सिस्टम कुशल हो सकता है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण ये 10 देश हैं.
Countries without Railway Connectivity: दुनिया भर में रेलवे को यातायात की रीढ़ माना जाता है, लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जहां रेल नेटवर्क बिल्कुल नहीं है- फिर भी वहां की कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहद कुशल है. ये देश आधुनिक टेक्नोलॉजी, व्यवस्थित रोड नेटवर्क, एयर ट्रांसपोर्ट और समुद्री मार्गों का उपयोग कर एक शानदार ट्रांसपोर्ट मॉडल पेश कर रहे हैं. इन देशों का उदाहरण बताता है कि बिना रेलवे के भी एक मजबूत परिवहन व्यवस्था बनाई जा सकती है. इनमें से कुछ ने तकनीकी नवाचार का सहारा लिया है तो कुछ ने प्राकृतिक संसाधनों और छोटे आकार का सही उपयोग कर कुशल कनेक्टिविटी बनाई है. ये उदाहरण दिखाते हैं कि विकास सिर्फ ट्रेनों से नहीं, दूरदर्शी योजना और व्यवस्था से भी संभव है.
आइसलैंड

आइसलैंड में कोई रेलवे लाइन नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां का परिवहन तंत्र काफी मजबूत है. राजधानी रेकजाविक से देश के अन्य हिस्सों तक बस सेवाओं का घना नेटवर्क फैला है. इसके अलावा छोटे हवाई अड्डों के जरिए आंतरिक उड़ानें भी बेहद लोकप्रिय हैं. पर्यटकों के लिए भी सड़क मार्ग से प्राकृतिक स्थलों तक पहुंचना आसान है. ट्रैफिक बेहद नियंत्रित और सुरक्षित है, जिससे यह देश बिना रेल के भी एक बेहतरीन ट्रैवल डेस्टिनेशन बना हुआ है।
साइप्रस

साइप्रस में भी रेलवे की कोई सुविधा नहीं है, लेकिन यहां का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद मजबूत है. देश का आकार छोटा होने के कारण सड़क मार्ग ही परिवहन का प्रमुख साधन बन चुका है. टैक्सी, मिनीबस और निजी वाहन आसानी से उपलब्ध रहते हैं. शहरों को जोड़ने वाले राजमार्ग समय की बचत करते हैं और हर क्षेत्र को कुशलता से जोड़ते हैं.
भूटान

भूटान में रेल मार्ग नहीं है क्योंकि पहाड़ी इलाका रेलवे निर्माण के लिए जटिल है. इसके बावजूद देश की सड़क व्यवस्था बेहतरीन है. पहाड़ों को काटकर बनाई गई सड़कों ने शहरों और गांवों को आपस में जोड़ रखा है. इसके अलावा हवाई सेवा के ज़रिए भी देश के बड़े हिस्सों को राजधानी थिम्फू से जोड़ा गया है. सड़क सुरक्षा और सीमित वाहनों की संख्या ने ट्रैफिक की समस्या से देश को बचा रखा है.
अंडोरा

फ्रांस और स्पेन के बीच बसा अंडोरा भी एक ऐसा देश है जहां कोई रेलवे नहीं है. यहां निजी कारें और टैक्सी सेवाएं ही मुख्य ट्रांसपोर्ट विकल्प हैं. यहां का छोटा आकार और सुव्यवस्थित सड़कें परिवहन को आसान बनाते हैं. पर्यटकों के लिए बस सेवाएं मौजूद हैं जो मुख्य शहरों को एक-दूसरे से जोड़ती हैं.
लिकटेंस्टीन

लिकटेंस्टीन में कोई घरेलू रेलवे सेवा नहीं है, लेकिन यह स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. देश के भीतर बस सेवा और निजी वाहन मुख्य साधन हैं. क्रॉस-बॉर्डर ट्रैवल इतनी सुगमता से होता है कि रेलवे की कमी महसूस नहीं होती. इसकी सड़कों की गुणवत्ता यूरोपीय मानकों के अनुसार है.
माल्टा

माल्टा में कभी रेलवे हुआ करता था, लेकिन अब यह इतिहास बन चुका है. फिलहाल, यहां का सार्वजनिक बस नेटवर्क इतना सक्षम है कि पूरा देश बसों से ही जुड़ा हुआ है. माल्टा ट्रांसपोर्ट नाम की सेवा पर्यटन और स्थानीय लोगों दोनों के लिए बेहतरीन विकल्प प्रदान करती है.
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मॉरिशस

मॉरिशस में भी कोई रेलवे नहीं है. यहां के हवाई मार्ग और रोड नेटवर्क ही प्रमुख परिवहन माध्यम हैं. हाल ही में लाइट मेट्रो सिस्टम की शुरुआत की गई है, जो एक आधुनिक शहरी परिवहन विकल्प है. लेकिन पारंपरिक रेल की अनुपस्थिति के बावजूद ट्रैवलिंग बेहद आसान और तेज है.
सूरीनाम

दक्षिण अमेरिका का सूरीनाम मुख्य रूप से सड़क और नदी परिवहन पर निर्भर करता है. देश के भीतर बड़ी नदियों के कारण जल मार्ग काफी लोकप्रिय हैं. रोड कनेक्टिविटी बेहतर है और यहां के लोग सार्वजनिक वाहनों और निजी गाड़ियों का उपयोग करते हैं.
लीबिया

लीबिया में कभी रेलवे की योजनाएं थीं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण वे अधूरी रह गईं. आज भी सड़क मार्गों और टैक्सी सेवाओं के जरिए देश भर में यात्रा संभव है. कुछ प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें कनेक्टिविटी बनाए रखती हैं.
गिनी-बिसाऊ

गिनी-बिसाऊ में न रेलवे है, न ही कोई हाई-टेक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, लेकिन वहां के लोग स्थानीय सड़कों और बोट्स का उपयोग कर देशभर में सफर करते हैं. गांवों और शहरों को जोड़ने वाले मार्ग बुनियादी हैं लेकिन कार्यक्षम हैं. यह दिखाता है कि सीमित संसाधनों में भी व्यवस्था संभव है.
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