Halloween Festival History: हैलोवीन फेस्टीवल हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. जानें इस त्योहार की शुरूआत कैसे हुई और इसका भूतों से क्या कनेक्शन है.
31 October, 2025
Halloween Festival History: भारत में सभी त्योहार किसी न किसी देवी-देवता से जुड़े होते हैं, लेकिन अमेरिका, कनाडा और कई यूरोपीय देशों में भूतों से जुड़े त्योहार को मनाए जाते हैं. हम बात कर रहे हैलोवीन फेस्टीवल की. हर साल यह त्योहार 31 अक्तूबर तो मनाया जाता है. सोशल मीडिया पर इसका बहुत क्रेज देखने मिलता है. अब लोग भारत में इस त्योहार को अपने मनोरंजन के लिए मनाने लगे हैं. इस हैलोवीन फेस्टीवल पर लोग भूतों की तरह तैयार होते हैं, डरावना मेकअप करते हैं और पार्टी करते हैं. आज हम आपको इस डरावने त्योहार के बारे में बताएंगे कि भूत-प्रेतों का हेलोवीन से क्या कनेक्शन है और इसे कैसे मनाया जाता है.
क्यों पहनते हैं डरावने कपड़े

इस डरावने त्योहार के बारे में कई कहानियां उपलब्ध हैं. माना जाता है कि इस त्योहार की शुरूआत आज से करीब 2000 साल पहले उत्तरी यूरोप में हुई. 31 अक्तूबर को गर्मियां खत्म हो जाती है और सर्दियों की अंधेरी रातों की शुरूआत होती है. 31 अक्तूबर की रात को सौवेन की रात कहा जाता था. उस समय लोगों को मानना था कि जीवित और मृत दुनिया की दूरियां कम हो जाती हैं और इस रात को मरे हुए लोगों की आत्माएं धरती पर आकर लोगों को परेशान करती हैं. आत्माओं का डराने और भटकाने के लिए लोग खुद को भूतों की तरह बना लेते हैं. लोग आग जलाकर भूतों को डराने की कोशिश करते हैं. हालांकि, अब ज्यादातर लोग इसे सिर्फ मौज-मस्ती के लिए मनाते हैं.
कैसे मिला हैलोवीन नाम
बता दें, आठवीं शताब्दी में पोप ग्रेनरी ने 1 नवंबर को ‘ऑल सेंट्स डे’ के रूप में मनाने की शूरूआत की. इस दिन ईसाई संतों को याद किया जाता है. इससे पहले 31 अक्तूबर की शाम को ऑल हैलोज ईव कहा जाने लगा. समय के साथ इसका नाम बदलकर हेलोवीन कहा जाने लगा. पहले यह केवल पश्चिमी देशों में मनाया जाता था, लेकिन अब इसे भारत में कई जगहों पर मनाया जता है.
कैसे मनाया जाता है हैलोवीन फेस्टीवल

इस त्योहार पर लोग तरह तरह के डरावने कपड़े पहनते हैं और भूतों वाला मेकअप करते हैं. लोगों में सबसे ज्यादा डरावना भूत बनने की होड़ लगती है. इस दिन बच्चे भी भूत और चुड़ैल बनकर लोगों के घर जाते हैं और उनसे ‘ट्रिक-ऑर-ट्रीट’ का सवाल पूछते हैं, जिसके बाद लोग उनसे बचने के लिए टॉफी और चॉलेट देते हैं. कई लोग इस दिन गेम्स का आयोजन करते हैं और पार्टी करते हैं.
कद्दू से क्या है कनेक्शन
इस दिन का कनेक्शन कद्दू से भी है. हैलोवीन के दिन कद्दू को भी डरावना बनाया जाता है. नारंगी कद्दू को खोखला कर उसमें आंख, नाक और मुंह बनाया जाता है. इसके बाद कद्दू में मोमबत्ती जलाकर इसे पेड़ पर या घर के बाहर टांगा जाता हैं. माना जाता है कि इससे आत्माएं घर में प्रवेश नहीं करती. इसके अलावा कई तरह के कद्दू के पकवान भी बनाए जाते हैं.
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