Bihar Election 2025 : एसआईआर पर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अखिलेश यादव का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन पर लोकतंत्र की रक्षा की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है.
Bihar Election 2025 : बिहार में एसआईआर का मुद्दा थमता नजर नहीं आ रहा है. अभी तक विपक्ष ही चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साध रहा था लेकिन इस बार इलेक्शन कमीशन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक हर एक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, ऐसे में इलेक्शन कमीशन पॉलिटिकल पार्टियों में मतभेद कैसे कर सकता है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग पर लोकतंत्र की रक्षा की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है और अगर वह सही रास्ता अपनाएगा तो देश में करोड़ों लोगों का साथ मिलेगा.
EC को सही और साहसिक कदम उठाना चाहिए
अखिलेश यादव ने कहा कि इलेक्शन कमीशन का एक सही और साहसिक कदम देश की अनगिनत पीढ़ियों का भविष्य और कल्याण सुरक्षित कर सकता है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग को सिर्फ सुधारों की नहीं बल्कि आमूल-चूल परिवर्तन की भी जरूरत है. आयोग पर लोकतंत्र की रक्षा का ऐतिहासिक दायित्व उसके कंधों के ऊपर है. हम समझते हैं कि उसे कई तरह अनुचित दबावों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब उसको यह कतई नहीं सोचना चाहिए वह अकेला खड़ा है. जब कोई सत्य के मार्ग पर चलता है तो लोग और उनकी आस्था साथ में चलती है. वहीं, चुनाव आयोग का एक सही फैसला लेगा तो करोड़ों भारतीय उसकी ढाल बनकर उसके पीछे खड़े होंगे. साथ ही कई पीढ़ियों का भविष्य और कल्याण सुनिश्चित भी कर सकता है, यही वजह है कि सबको अपनी अंतरात्मा की आवाज को जरूर सुनना चाहिए.
18 हजार से ज्यादा हलफनामे जमा किए
एसपी प्रमुख ने बताया कि वोट चोरी से संबंधित 18 हजार से ज्यादा हलफनामे जमा किए हैं, लेकिन इलेक्शन कमीशन ने अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि यह लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है, साथ ही हमारी तरफ से जमा किए गए हलफनामों पर कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं है. बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बीते दो दशकों से लगभग सभी राजनीतिक दल वोटर लिस्ट में सुधार की मांग कर रहे हैं और इसके लिए चुनाव आयोग ने बिहार से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की. उन्होंने आगे कहा कि SIR की प्रक्रिया में सभी वोटर्स बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक सूची तैयार की है. साथ ही यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLA के सत्यापित दस्तावेज और टेस्टेमोनियल या तो उनके अपने राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं.
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