Home Top News SIR में नहीं देना होगा दस्तावेज, चुनाव अधिकारियों ने बताया किन राज्यों के लोगों को मिलेगी राहत!

SIR में नहीं देना होगा दस्तावेज, चुनाव अधिकारियों ने बताया किन राज्यों के लोगों को मिलेगी राहत!

by Sachin Kumar
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Election Commission of India SIR

Election Commission of India : बिहार के बाद चुनाव आयोग अब पूरे देश में SIR करने की तैयारियों को लेकर विचार कर रहा है. इसी बीच आयोग का कहना है कि वह वोटर्स से कोई भी डॉक्यूमेंट मांगेगा.

Election Commission of India : बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा खूब गरमाया और इसी बीच विपक्षी नेताओं ने वोट अधिकार यात्रा भी निकाली. अब चुनाव आयोग का कहना है कि वह पूरे देश में SIR करवाने वाला है. इसी कड़ी में इलेक्शन कमीशन के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ज्यादातर राज्यों में आधे से ज्यादा वोटर्स को कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं देने की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने बताया कि उनके नाम उनके राज्यों में हुए पिछले SIR की मतदाता सूची में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि ज्यादातर राज्यों में वोटर्स लिस्ट का आखिरी पुनरीक्षण 2002 और 2004 के बीच हुआ था. साथ ही अब अगले SIR के लिए यही साल उनकी कट-ऑफ तारीख मानी जाएगी.

वेबसाइट पर है 2008 की वोटर लिस्ट

अधिकारियों ने बताया कि चुनाव आयोग जल्द ही पूरे भारत में SIR अभियान शुरू करवाने की तारीख तय करेगा और राज्यों में मतदाता सूची को साफ करने का काम साल के अंत से पहले पूरा हो सकता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने राज्यों की मतदाता सूचियों को पिछली SIR के बाद प्रकाशित हुई थीं. कुछ राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने अपनी वेबसाइटों पर अपनी पिछली SIR के बाद प्रकाशित मतदाता सूची पहले ही डाल दी है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची है, जब राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम गहन पुनरीक्षण में सूचीबद्ध 4.96 करोड़ मतदाताओं में से 60 फीसदी को अपनी जन्मतिथि देनी होगी.

60 फीसदी को देने होंगे बर्थ सर्टिफिकेट

चुनाव अथॉरिटी की तरफ से बिहार चुनाव तंत्र को जारी निर्देश के मुताबिक, साल 2003 के SIR में सूचीबद्ध 4.96 करोड़ वोटर्स कुल मतदाताओं का 60 फीसदी को अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान के दस्तावेज प्रूफ देने होंगे. इसके अलावा अन्य तीन करोड़ लोग अपनी जन्मतिथि या स्थान की पुष्टि के लिए सूचीबद्ध में से एक प्रस्तुत कर सकते हैं. निर्वाचक बनने या राज्य के बाहर आने वाले आवेदकों की एक श्रेणी के लिए एक अतिरिक्त घोषणा पत्र देना होगा. उन्हें शपथ-पत्र देना होगा कि उनका जन्म 1 जुलाई, 1987 से पहले भारत में हुआ था. घोषणा पत्र में सूचीबद्ध विकल्पों में से एक यह है कि एक जुलाई 1987 और 2 दिसंबर, 2004 के बीच भारत में हुआ हो. ऐसे लोगों अपने माता-पिता की जन्मतिथि के बारे में भी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.

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