इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से जारी युद्ध के बाद आखिरकार संघर्ष विराम हो गया. फारूक अब्दुल्ला ने संघर्ष विराम पर खुशी जताई है.
Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है. संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ये सच में एक अच्छा कदम है. फारूक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि संघर्ष विराम जारी रहेगा ताकि निर्दोष लोग मारे न जाएं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इससे पहले संघर्ष विराम पर बयान दिया था. उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम जल्द से जल्द लागू होना चाहिए क्योंकि युद्ध ने “बड़े पैमाने पर विनाश” किया है.
क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के डूरू में पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “अगर वास्तव में संघर्ष विराम हुआ है तो मैं ईश्वर का शुक्रगुजार हूं. यह अच्छी बात है. निर्दोष लोग मारे जा रहे थे. मैं प्रार्थना करता हूं कि संघर्ष विराम जारी रहे.” इस सवाल के जवाब में कि क्या अमेरिका ने ईरान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, एनसी प्रमुख ने कहा कि यह निर्णय मानवता के कारण लिया गया है, लेकिन अमेरिका पर वैश्विक दबाव था. उन्होंने कहा, “किसी ने किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया, न ही ईरान ने और न ही अमेरिका ने। लेकिन मानवता के नाते उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना चाहिए. इससे उनकी अर्थव्यवस्था और बाकी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता.” उन्होंने आगे कहा, “अमेरिका पर इसे खत्म करने के लिए वैश्विक दबाव था.”
अमरनाथ यात्रा पर क्या कहा?
3 जुलाई से शुरू होने वाली आगामी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन करने के बाद सुरक्षित लौट आएंगे. पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उम्मीद है कि तीर्थयात्री दर्शन करने के बाद खुशी-खुशी अपने घर लौटेंगे और फिर घर जाकर लोगों को बताएंगे कि यहां के लोग कितने अच्छे हैं और इस जगह को कितनी खूबसूरती से नवाजा गया है.” भारतीय छात्रों को निकालने के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में युद्ध एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि कई छात्र युद्ध के बीच में फंस गए हैं. उन्होंने कहा, “हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण उड़ानें संचालित नहीं हो सकीं, जिससे कठिनाइयां आईं. हमें उम्मीद है कि हमारे छात्रों का एक बड़ा समूह आज रात वापस लौट आएगा और हमारी निकासी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.” उन्होंने कहा, “हम जल्द से जल्द युद्ध विराम चाहते हैं. युद्ध शुरू हुए 11 दिन हो चुके हैं और इन दिनों में भारी तबाही हुई है.”
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