पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इजरायल-ईरान युद्ध पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपील की है कि वो इसे रोकने के लिए आगे आए.
Mamata Banerjee: इजरायल-ईरान युद्ध पर केंद्र की चुप्पी पर विपक्षी राजनीतिक दल लगातार सवाल उठा रहे हैं. इस बीच अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर चिंता व्यक्त की और केंद्र से आग्रह किया कि वह दोनों पश्चिम एशियाई देशों के बीच शत्रुता को समाप्त करने में मदद करने के लिए कूटनीतिक पहल करे. बता दें कि इस संघर्ष में इजरायल और ईरान ने सैकड़ों मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया है, जो एक सप्ताह पहले तनाव बढ़ने के बाद से हुआ है, रविवार की सुबह अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद स्थिति काफी खराब हो गई है. पर्यावरण मुद्दों पर विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान बनर्जी ने कहा, “दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध छिड़ गया है. ऐसी चीजें वायु और जल प्रदूषण का कारण बनती हैं. हमें इसे रोकने के लिए कदम उठाने होंगे.”
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, “विदेशी मामले भारत सरकार के अधीन आते हैं. कूटनीतिक रूप से, शांतिपूर्ण तरीके से, हमें पहल करनी चाहिए ताकि युद्ध रुक जाए.” बनर्जी ने स्पष्ट किया, “मुझे विदेश मामलों और कूटनीतिक मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है. इस दुनिया के एक चिंतित नागरिक के रूप में यह मेरा व्यक्तिगत विचार है.”
बाढ़ की स्थिति पर क्या कहा?
पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटल उप-मंडल में बाढ़ की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद केंद्रीय एजेंसी डीवीसी मैथन और पंचेत में अपने बांधों पर “ड्रेजिंग ऑपरेशन नहीं कर रही है”. उन्होंने डीवीसी पर पश्चिम बंगाल सरकार को “सूचित किए बिना” बरसात के मौसम में अपने बांधों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने का आरोप लगाया. बनर्जी ने विधानसभा में कहा, “वे हमें सूचित किए बिना पानी छोड़ रहे हैं. उन्होंने कई वर्षों से ड्रेजिंग ऑपरेशन नहीं किया है. अब डीवीसी के पास अपने बांधों में एक लाख क्यूसेक पानी जमा करने की संचित क्षमता है. अगर वे नियमित रूप से ड्रेजिंग ऑपरेशन करते, तो उनके बांधों में चार लाख क्यूसेक पानी जमा हो सकता था और दक्षिण बंगाल के बड़े हिस्से में इस तरह का अतिप्रवाह फिर नहीं होता.” पश्चिम बंगाल के सिंचाई मंत्री मानस भुनिया ने सोमवार को कहा था कि पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटल उप-मंडल में बाढ़ से लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही है. भूनिया ने आरोप लगाया था कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने पश्चिम बंगाल सिंचाई विभाग के अनुरोध के बावजूद झारखंड में अपने बांधों से “पानी छोड़ने को विनियमित करने में विफल” होकर स्थिति को और बिगाड़ दिया है. मंत्री ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने संगठन के अध्यक्ष को भविष्य में अतिरिक्त पानी छोड़ते समय सावधानी बरतने के लिए लिखा था.
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