Home Latest News & Updates विज्ञान का सितारा, भारत का अभिमान! पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

विज्ञान का सितारा, भारत का अभिमान! पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

by Jiya Kaushik
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PM Modi paid tribute to Dr. APJ Abdul Kalam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. कलाम को बताया प्रेरणास्रोत, युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने की दी सीख. जानें पूरी खबर.

PM Modi paid tribute to Dr. APJ Abdul Kalam: 26 जुलाई को देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर डॉ. कलाम को याद करते हुए उन्हें एक ‘प्रेरणादायक विचारक’, ‘उत्कृष्ट वैज्ञानिक’ और ‘महान देशभक्त’ बताया. उन्होंने कहा कि कलाम के विचार आज भी भारत की युवा पीढ़ी को एक विकसित और सशक्त राष्ट्र के निर्माण की दिशा में प्रेरित करते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, “हमारे प्रिय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि. उन्हें एक प्रेरणादायक विचारक, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और महान देशभक्त के रूप में याद किया जाता है. उनका राष्ट्र के प्रति समर्पण अनुकरणीय था.” उन्होंने आगे कहा, “उनके विचार भारत के युवाओं को एक विकसित और सशक्त देश के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं.”

जन-जन के राष्ट्रपति थे डॉ. कलाम

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. अपने कार्यकाल में उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक आदर्श राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका निभाई. उनका सादा जीवन, गहरी सोच और जनता से जुड़ाव ने उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ बना दिया.

विज्ञान और राष्ट्रनिर्माण में अहम योगदान

डॉ. कलाम को ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है. उन्होंने DRDO और ISRO में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का नेतृत्व किया. पृथ्वी, अग्नि और त्रिशूल जैसी मिसाइलों के विकास में उनकी भूमिका निर्णायक रही. पोखरण परमाणु परीक्षण (1998) की सफलता में भी उनकी अहम भूमिका रही, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर एक सशक्त परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया.

युवाओं के प्रेरणास्त्रोत

कलाम का मानना था कि यदि किसी देश को बदलना है, तो शुरुआत युवाओं से होनी चाहिए। उन्होंने अनगिनत छात्रों को संबोधित किया, किताबें लिखीं और अपने अनुभवों से उन्हें प्रेरित किया. उनकी पुस्तक “Wings of Fire” और “India 2020” आज भी युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम न सिर्फ भारत के राष्ट्रपति रहे, बल्कि वे एक विचार थे, जो आज भी हर युवा के मन में जीवित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें दी गई श्रद्धांजलि सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उस महान आत्मा की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प है, जिसने देश को सिर्फ विज्ञान नहीं, आत्मबल और आत्मनिर्भरता भी दी.

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