Home Top News मेहरबानी या साजिश! गाजा पर इजरायल का नया दांव, दिया मदद का भरोसा, उठ रहे कई सवाल

मेहरबानी या साजिश! गाजा पर इजरायल का नया दांव, दिया मदद का भरोसा, उठ रहे कई सवाल

by Jiya Kaushik
0 comment
Israle-will-help-gaza

Israel will help Gaza: एक ओर मौत, भूख और बदहाली है, वहीं दूसरी ओर मदद के नाम पर जटिल राजनीति. इस्राइल की यह नई पहल वाकई राहत लेकर आएगी या फिर यह एक और ‘साफ सुथरी साज़िश’ होगी, यह तो आने वाले दिन ही बताएंगे.

Israel will help Gaza: गाज़ा में भुखमरी से मरते लोगों की चीखें अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक गूंजने लगी हैं. महीनों से जारी युद्ध और मदद पर लगी बंदिशों के बीच इस्राइल ने अचानक एक बड़ा ऐलान कर सबको चौंका दिया है. इस्राइल की सेना ने कहा है कि वह गाज़ा में हवाई मदद (airdrops) शुरू करने जा रही है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र के काफिलों के लिए मानवीय गलियारे (humanitarian corridors) खोले जाएंगे. लेकिन सवाल ये उठता है, क्या ये सचमुच इंसानियत के लिए है? या फिर कोई छिपी रणनीति?

भूख से तड़पते गाज़ा में अब आएंगे खाने के पैकेट?

इस्राइली सेना के मुताबिक, हवाई मदद शनिवार रात से शुरू होनी थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कहां-कहां यह मदद पहुंचेगी. इस्राइल का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर यह राहत सामग्री गिराई जाएगी. साथ ही, ‘घनी आबादी वाले क्षेत्रों’ में मानवीय विराम (humanitarian pauses) दिए जाएंगे. पर सवाल यही है कि जब ज़मीन पर गोली चल रही हो, तो आसमान से गिरती राहत कितनी मददगार होगी?

एक तरफ गोली, दूसरी तरफ रोटी: किसे मानें सच?

इस्राइल ने दावा किया है कि “गाज़ा में भुखमरी नहीं है,” लेकिन जमीनी हालात कुछ और कहानी कह रहे हैं. दर्जनों लोगों की मौत सिर्फ इस वजह से हो रही है कि वो खाने की तलाश में निकले थे. अस्पतालों के डॉक्टर खुद भूख से निढाल हैं और IV ड्रिप लगाकर दूसरों का इलाज कर रहे हैं. ऐसे में इस्राइल के “मदद” वाले बयान पर भरोसा करना आसान नहीं.

शिविरों और गलियों में मौत की लाइन… फिर भी थमा नहीं हमला

गाज़ा में बीते कुछ दिनों में सैकड़ों लोगों की जान सिर्फ इसलिए गई क्योंकि वे खाने के ट्रकों के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक ज़िकिम बॉर्डर और मोराग कॉरिडोर के पास इस्राइली गोलीबारी में दर्जनों लोग मारे गए. कई मामलों में बच्चे और बुज़ुर्ग भी शिकार बने. ऐसे में इंसानियत की मदद की आड़ में हिंसा का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा. इस्राइल के इस कदम के पीछे जॉर्डन की मांग और UAE-ब्रिटेन की सक्रियता भी है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने इस पूरे प्लान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हवाई मदद “महंगी, अव्यवस्थित और जानलेवा” हो सकती है. UNRWA के प्रमुख का साफ कहना है कि, इससे भूख मिटने वाली नहीं, बल्कि मौत का खतरा और बढ़ सकता है.

गाज़ा ह्यूमेनिटेरियन फाउंडेशन: राहत या नियंत्रण का नया तरीका?

इस्राइल ने हाल ही में एक नया मॉडल तैयार किया है,‘गाज़ा ह्यूमेनिटेरियन फाउंडेशन’ (GHF). अमेरिकी ठेकेदारों की मदद से चल रहे इस सिस्टम को संयुक्त राष्ट्र की बजाय प्राथमिकता दी जा रही है. लेकिन खुद UN के मुताबिक, इसी सिस्टम के तहत मदद पाने की कोशिश में 1,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. क्या ये सचमुच राहत है या एक नया कंट्रोल मैकेनिज्म?

गाज़ा की कहानी अब केवल युद्ध की नहीं, इंसानियत की जंग बन चुकी है. एक ओर मौत, भूख और बदहाली है, वहीं दूसरी ओर मदद के नाम पर जटिल राजनीति. इस्राइल की यह नई पहल वाकई राहत लेकर आएगी या फिर यह एक और ‘साफ सुथरी साज़िश’ होगी, यह तो आने वाले दिन ही बताएंगे. फिलहाल गाज़ा की सड़कों पर हर भूखा बच्चा सिर्फ एक ही सवाल कर रहा है,“क्या अब खाना मिलेगा, या फिर गोली?”

यह भी पढ़ें: US: चाकूबाजी से दहला अमेरिका, मिशिगन के वॉलमार्ट में 11 लोगों पर हमला, हिरासत में संदिग्ध

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?